यदि साहस है, तो श्रीरामचरितमानस पर चर्चा करें ! – श्री रामभद्राचार्य

श्री रामभद्राचार्य की बिहार के शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर को चुनौती !

श्री रामभद्राचार्य और शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर

बगहा (बिहार) – ‘‘बिहार के शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर में यदि साहस है, तो वे यहां आ कर श्रीरामचरितमानस पर चर्चा करें । यदि उसमें कुछ असंगत दिखाई दे, तो मैं पाटलीपुत्र स्थित गंगानदी में समाधि लूंगा अथवा चंद्रशेखर राजनीति से संन्यास लें’’, ऐसी चुनौती श्री रामभद्राचार्य ने उन्हें दी है । वे बगहा के रामनगर में तीसरे दिन प्रवचन में बोल रहे थे । शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर ने श्रीरामचरितमानस में  ‘पोटैशियम साइनाईड’ होने का दावा किया था । (किस विचारधारा से जिहादी आतंकवादी बनते हैं, इस विषय में चंद्रशेखर कभी भी मुंह नहीं खोलेंगे; क्योंकि यदि वे ऐसा करते है, तो सीधा ही ‘सर तन से जुदा’ का आदेश दिया जाता है, वे यह बात अच्छे से जानते हैं ! – संपादक)

(सौजन्य : News18 Bihar Jharkhand) 

१. श्री रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि, ‘‘चंद्रशेखर का कहना है कि, श्रीरामचरितमानस असंगत है । यदि उनकी माताने उनको प्रामाणिकता से दूध पिलाया है, तो वे श्रीरामचरितमानस पर चर्चा करें ।

२. प्रवचन के समय श्री रामभद्राचार्य ने बिहार में जाति के आधार परजनगणना को लेकर भी नीतीश कुमार सरकार की आलोचना की है । उन्होंने कहा कि, श्रीरामचरितमानस में जातीयवाद का उल्लेख है, ऐसा बिहार सरकार के मंत्रियों का कहना है; परंतु दूसरी ओर उन्हीं की सरकार जाति के आधार पर जनगणना कर बिहार का विभाजन करने का कार्य कर रही है । (यह है हिन्दुद्वेषी राजनीतिज्ञों का वास्तविक स्वरूप ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

हिन्दूद्वेष से ग्रस्त लोग कभी भी हिन्दू धर्म अथवा धर्मग्रंथों पर चर्चा नहीं करते; क्योंकि वे उनका अध्ययन करने की अपेक्षा आलोचना ही करते हैं । यह वास्तविकता खुल जाने के भय से वे ऐसी चुनौतियों से  पलायन कर जाते हैं !