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सूर्यापेट (तेलंगाना) – सूर्यापेट जिले के इरावरम गांव में बाल उग्र नरसिंह स्वामी एक प्रसिद्ध मंदिर है । इस मंदिर में प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को १ लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं । इससे मंदिर की आय में वृद्धि हुई है । इसी के फलस्वरूप कुछ दिन पूर्व गांव के सुरेपल्ली हुसैन नामक व्यक्ति ने इस मंदिर के प्रबंधन में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए धर्मादाय विभाग में परिवाद प्रविष्ट की थी । इसके उपरांत धर्मादाय विभाग ने २ अगस्त को मंदिर प्रबंधन को ज्ञापन भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था । धर्मादाय विभाग ने चेतावनी दी कि ‘यदि कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो हम १५ दिनों के उपरांत मंदिर को अपने नियंत्रण में ले लेंगे ।’
जब इसकी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति को मिली तो, समिति ने हिन्दू समर्थक संगठनों को संगठित किया तथा १७ अगस्त को धर्मादाय आयुक्त को एक निवेदन दिया, जिसमें कहा गया है कि विभाग द्वारा भेजा गया ज्ञापन कानून के विरुद्ध है तथा धर्मादाय विभाग मंदिर का नियंत्रण नहीं ले सकता । हिन्दू इस ज्ञापन के विरुद्ध हैं, ऐसा उल्लेख किया गया ।
१८ अगस्त को हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्ववादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इरावरम गांव जाकर मंदिर के अध्यक्ष श्री. जगन्नाथ से भेंट की एवं उनसे कहा कि किसी भी परिस्थिति में मंदिर को धर्मादाय विभाग के नियंत्रण में नहीं दिया जाना चाहिए । हम आपके साथ हैं, उन्होंने आश्वासन दिया । उस समय मंदिर न्यास भी की स्थापना की गई । न्यास ने धर्मादाय विभाग को उत्तर देकर कहा कि मंदिर के प्रकरण में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए ।
संपादकीय भूमिकाकितने हिन्दू मस्जिदों तथा चर्चों में अव्यवस्था के संबंध में धर्मादाय विभाग के पास परिवाद करते हैं ? यदि कोई यह विचार करे कि हिन्दुओं को अब इस दिशा में प्रयास करना चाहिए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! |