मुसलमानों को गांव में प्रवेश बंदी घोषित करने वाले ग्राम पंचायतों को कारण बताओ नोटिस !

  • नूंह (हरियाणा) में हिंसा का प्रकरण

  • राज्य के ३ जिलों की ५० ग्राम पंचायतों द्वारा निकाला गया प्रवेश बंदी का आदेश बाद में पीछे भी लिया !


नूंह (हरियाणा) – हिन्दुओं की जलाभिषेक यात्रा पर आक्रमण करने वाले धर्मांध मुसलमानों के कृत्य का विरोध दर्ज करने के लिए हरियाणा के रेवाडी, झज्जर और महेंद्रगढ इन ३ जिलों की ५० ग्राम पंचायतों ने एक आदेश जारी किया था । इसके अंतर्गत उनके गांव में मुसलमानों को प्रवेश करने से रोका गया था । इस पर हरियाणा सरकार ने संबंधित ग्राम पंचायतों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर इसका उत्तर देने का आदेश दिया है । यह नोटिस ‘हरियाणा ग्राम पंचायत राज कानून’ की धारा ५१ के अंतर्गत दिया गया है, ऐसी जानकारी रेवाडी जिला पुलिस उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने दी । इस धारा के कारण संबंधित सरपंचों का

स्थानान्तरण भी किया जा सकता है ।

१. हरियाणा भाजपा सरकार के राज्य विकास और पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने ,ग्राम पंचायत द्वारा निकाले गए इस आदेश को अनाधिकृत बताकर इसे जारी करने वालों के विरोध में कठोर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, ऐसा कहा है ।

२. सरपंचों ने उनका पक्ष रखते हुए कहा था कि, प्रवेश बंदी का आदेश हिंसा के उपरांत गांव में शांति रखने के लिए, साथ ही मुसलमान समाज द्वारा गायों की तस्करी करने से होने वाला विरोध रोकने के लिए लिया गया था । किसी समाज को प्रवेश बंदी लगाना कानूनी अपराध ध्यान में आने पर सभी गांव के सरपंचों ने प्रवेश बंदी का आदेश पहले ही वापस ले लिया था ।

संपादकीय भूमिका 

इस प्रकार प्रवेश बंदी लगाना लोकतंत्र के विरोध में है, यह स्वीकार है; परंतु संबंधित ग्राम पंचायतों पर इतनी कठोर भूमिका लेने का समय क्यों आया ? हिन्दुओं की पुलिस, प्रशासन और राजनेता रक्षा नहीं कर सकती । स्वयं की रक्षा करने के लिए हिन्दुओं ने ऐसे कुछ तो कदम उठाए, तो उन पर कानून का डर दिखाया जाता है । इस कारण हिन्दू स्वयं की रक्षा के लिए किसकी ओर देखें ? हिन्दुओं की रक्षा कर उन्हें आश्वस्त करने पर उनके ऊपर प्रवेश बंदी का आदेश लगाने का समय नहीं आएगा !