हरियाणा के ५० गांवों में मुसलमान व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध !

नूंह (हरियाणा) की हिंसा का प्रकरण !

नूंह (हरियाणा) – यहां दंगों के उपरांत आस-पास के गांवों के हिन्दुओं में भय का वातावरण है । अनेक गांवों के हिन्दू अपनी सुरक्षा निश्चित करने के लिए उपाय कर रहे हैं । इस पृष्ठभूमि पर राज्य के ३ जिलों, रेवाडी, महेंद्रगढ एवं झज्जर में ५० से अधिक ग्रामपंचायतों ने पत्र जारी कर गांव में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है । पंचायतों के सरपंचों के हस्ताक्षर वाले इन पत्रों में ‘गांव में रहनेवाले मुस्लिमों को अपना पहचान-पत्र पुलिस को दिखाने का निर्देश भी दिया गया है । नूंह के दंगों के उपरांत मुस्लिमों का बहिष्कार करने के प्रकरणों में वृद्धि हुई है । कुछ दिन पूर्व १४ गांवों ने मुसलमान व्यापारियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था । अब यह आंकडा बढकर ५० के पार हो गया है ।

१. महेंद्रगढ के उपविभागीय दंडाधिकारी मनोज कुमार ने कहा, ‘मुझे किसी भी ग्रामपंचायत द्वारा प्रत्यक्ष पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, परंतु सामाजिक माध्यमों पर वे प्रसारित हुए हैं ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसा आदेश देना कानून के विरुद्ध है ।’ (हिन्दुओं की रक्षा करने में विफल प्रशासन को हिन्दुओं द्वारा अंतिम कदम उठाने के उपरांत कानून का स्मरण होता है, यह ध्यान में लें ! – संपादक)

२. महेंद्रगढ के सैदपुर के सरपंच विकास ने कहा, ‘नूंह की हिंसा के कारण ऐसा निर्णय लेना पडा । पिछले माह गांव में चोरी की अनेक घटनाएं हुईं थीं । बहिष्कार का यह भी एक कारण है ।’

संपादकीय भूमिका 

हिन्दू समाज सहिष्णु है । वह बहिष्कार जैसा अंतिम कदम क्यों उठा रहा है, सरकार इसे ज्ञात कर क्या समाज को आश्‍वस्त करने का काम  करेगी ?