युवती की कमर पर हाथ रखकर नाचनेवाले पादरी का चलचित्र प्रसारित करनेवाले हिन्दू युवक को बंदी बनाया गया !

  • चलचित्र के माध्यम से हिन्दू तरुण ने धर्मांतरित हिन्दुओं से विचार करने का किया आवाहन !

  • ‘हिन्दू मुन्नानी’ संगठन हिन्दू तरुण को बंदी बनाने का विरोध कर रहा है !

कनाल कन्नन

चेन्नई (तमिलनाडु) – कनाल कन्नन नामक युवक को सामाजिक माध्यम पर एक पादरी का एक युवा महिला जो आयु में उससे छोटी थी तथा जिसने शरीर प्रदर्शन करने वाले वस्त्र परिधान कर रखे थे, के साथ नृत्य करते हुए एक चलचित्र प्रसारित करने के कारण, यहां बंदी बना लिया गया । सत्तारूढ डी.एम.के. (द्रविड मुनेत्र कषगम-द्रविड प्रगति संघ) के नेता ऑस्टिन बेनेट के आरोप लगाने पर यह कार्रवाई की गई । कन्नन दक्षिण भारतीय चलचित्रों में साहसिक दृश्यों के विशेषज्ञ हैं । इस चलचित्र के साथ कन्नन ने लिखा था, ‘यह विदेशी धर्मों की स्थिति है । इस विषय में धर्मांतरित हिन्दुओं को सोच कर पश्चाताप करना चाहिए ।’

१. हिन्दू मुन्नानी संगठन ने कन्नन को बंदी बनाने का विरोध किया है । इस संगठन ने थाने के सामने प्रदर्शन किया । संगठन के राज्य प्रवक्ता एलंगोवन ने कहा कि जिस चलचित्र के कारण कन्नन को बंदी बनाया गया है, वह पूर्व में भी सामाजिक माध्यम पर प्रसारित हो चुका है । उनको बंदी बनाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आक्रमण है । डी.एम.के. राजनीति कर रही है । अपने से भिन्न सोचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कष्ट दिया जा रहा है ।

२. विशेष बात यह है कि कन्नन को गत वर्ष पेरियार के विरुद्ध वक्तव्य देने के पर भी बंदी बना गया था । उसके उपरांत मद्रास उच्च न्यायालय ने कन्नन को प्रतिभूति पर सशर्त मुक्त कर दिया था ।

संपादकीय भूमिका 

विदेशों में पादरियों का वास्तविक स्वरूप सामने आने के कारण वहां के गिरजाघरों में लोग जाना नहीं चाहते । सहस्त्रों ईसाई नास्तिक बन रहे हैं । द्रमुक जैसे राजनीतिक दल केवल मतों की राजनीति के लिए इस स्थिति को दुर्लक्ष्य कर, हिन्दू राष्ट्र स्थापना को अपरिहार्य बनाते हैं !