सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

भारत की अद्वितीयता समझ लें !

‘पूरे विश्व के विदेशी लोगों को भारत के विषय में प्रेम प्रतीत होता है, उसका कारण है भारत के संतों द्वारा सिखाई जानेवाली साधना तथा अध्यात्म, न कि नेता और शासनकर्ता !’


भारतीयों के लिए यह लज्जाजनक !

‘एक सीताहरण होने पर प्रभु श्रीराम ने हरण करनेवाले रावण का वध किया । इसके विपरीत आजकल प्रत्येक वर्ष सहस्रों लडकियों का अपहरण हो रहा है; परंतु उसके लिए संबंधित व्यक्ति ही नहीं, कोई सरकार भी कुछ नहीं करती !’


ईश्वरीय राज्य में सभी स्थानों के नाम चैतन्यदायी होंगे !

‘ईश्वरीय राज्य में घर, उद्यान, मार्ग इत्यादि सभी स्थानों के नेताओं, विदेशी एवं अन्य धर्मी नामों को परिवर्तित कर दिया जाएगा; क्योंकि उनसे रज-तम प्रक्षेपित होता है । नए नाम राष्ट्रप्रेमी, धर्मप्रेमी, संत एवं ऋषि-मुनियों के होंगे । उनके नाम के चैतन्य से जनता का भला होगा ।’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले