उमरेठ (गुजरात) में धर्मांध मुसलमानों द्वारा शिवमंदिर पर तलवार एवं लाठियों से आक्रमण

अव्यस्क हिन्दू लडकियों की छेडछाड का हिन्दुओं द्वारा विरोध करने पर धर्मांधों ने किया आक्रमण !

उमरेठ (गुजरात) – यहां ४ जून की रात धर्मांध मुसलमानों द्वारा चंद्रमुलेश्वर महादेव मंदिर पर तलवार एवं लाठियों से आक्रमण किए जाने की घटना सामने आई है । कुछ धर्मांध मुसलमानों द्वारा अव्यस्क हिन्दू लडकियों को छेडने के उपरांत यहां हुए वाद-विवाद के कारण यह घटना हुई थी । इस प्रकरण में पुलिस ने ८ लोगों को बंदी बनाया है और शेष आरोपियों को ढूंढ रही है ।

संपादकीय भूमिका 

गुजरात में भाजपा की सरकार होने से धर्मांध मुसलमानों को ऐसा दुस्साहस न हो और यदि हुआ, तो उनपर कठोर कार्रवाई की जाए जिससे वे पुन: दुस्साहस नहीं करेंगे, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !

पुलिस द्वारा शिकायत प्रविष्ट करना अस्वीकार  !

२ अव्यस्क हिन्दू लडकियां दुपहिया वाहन से जा रही थीं । उनमें से एक को उसके घर के समीप छोडने पर २ धर्मांध मुसलमान उसे छेडने लगे और उसका हाथ पकड लिया । उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय नागरिक भागते आए । यह देखकर धर्मांध मुसलमान भाग गए । इस घटना की शिकायत करने लडकी एवं उसके माता-पिता जब पुलिस थाने गए तो पुलिस ने उनकी शिकायत प्रविष्ट करने से मना कर दिया । माता-पिता का आरोप था कि पुलिस उनका बचाव कर रही है ।

उसी रात हिर पटेल अपने मित्र के साथ स्टेशन मार्ग से जाते समय आपस में इसी छेडछाड की घटना पर चर्चा कर रहे थे । यह चर्चा वहां उपस्थित धर्मांध मुसलमानों ने सुनी और उन दोनों से वाद-विवाद करने लगे । तदुपरांत धर्मांध मुसलमान तलवारें और लाठियां लेकर आए और उन्होंने शिवमंदिर पर आक्रमण किया । इस समय वहां के लाईट एकाएक बंद कर दिए गए थे । (ऐसी पुलिस पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें नौकरी से निकाल देना चाहिए, तब ही वे सबक सीखेंगे ! – संपादक)

हिन्दुओं को भी बंदी बनाने से पुलिस थाने का घेराव !

इस घटना पर पुलिस ने ८ लोगों को बंदी बनाया है । इसमें हिन्दू युवकों का भी समावेश है । इन युवकों को बंदी बनाने पर हिन्दुओं में रोष फैल गया और उन्होंने पुलिस थाने का घेराव किया । इसके साथ ही पुलिस उपनिरीक्षक ने असत्य परिवाद लिखवाने का आरोप किया । (इसे कहते हैं ‘चोर छोड सन्यासी को फांसी’ ! यह हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं, यही उन्होंने पुलिस थाने का घेराव कर दर्शाया है ! इस ओर  सरकार को गंभीरता से ध्यान देना आवश्यक है ! – संपादक)