(और इनकी सुनिए… ) ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व अल्प !’

  • ‘सियासत डेली’ समाचार संकेतस्थल की कट्टरता !

  • मुस्लिमों पर अन्याय होने की बांग देते हुए चूक (गलत) प्रतिशत बता कर सफेद झूठ !

नई देहली – ‘द सियासत डेली’ भारतीय समाचार संकेतस्थल द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व अल्प होने का बता कर उसका दोष भारत सरकार तथा व्यवस्था पर मथने का प्रयास किया गया है । संकेतस्थल द्वारा प्रसारित समाचार में कहा गया है कि गत ५ वर्ष समान ही वर्ष २०२२ में भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए केवल ६ मुसलमान हैं । संकेतस्थल ने ऐसा दावा भी किया है कि इससे पूर्व के वर्षों में भी कुल उम्मीदवारों में केवल १ से ५ प्रतिशत मुसलमान ही प्रशासनिक अधिकारी हैं ।

समाचार के माध्यम से ऐसा संकेत दिया गया है कि भारत सरकार मुसलमानों पर अन्याय कर रही है । इस समाचार से एक बात ध्यान में आती है कि वर्ष २०११ में मुस्लिमों की जनसंख्या १४.२ प्रतिशत होते हुए उसे बढा कर १७.२ प्रतिशत बता कर उनमें केवल १ से ५ प्रतिशत मुस्लिमों को ही इस सेवा में चुना जाता है, इस प्रकार का सफेद झूठ फैलाया गया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • भारतीय व्यवस्था की निराधार निंदा करनेवाले ऐसे संकेतस्थलों पर सरकार को प्रतिबंध लगाना ही चाहिए !
  • मुसलमानों को स्वयं की गुणात्मकता सिद्ध न कर इस प्रकार बलि चढने की भूमिका अपनाना निषेध है !