छत्तीसगढ में ईसाई मिशनरियों की ओर से होने वाले धर्मांतरण की बढती घटनाओें का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध
रायपुर – नारायणपुर में धर्मांतरण की घटना उजागर होने से आदिवासी समाज की ओर से ७ जिलों में ‘बंद’ का आवाहन किया गया था । इस कारण ७ जिलों में बाजार बंद थे । इस बंद को ‘चेंबर ऑफ कॉमर्स’ का भी समर्थन मिला । आदिवासी जिलों में बंद के आवाहन के उपरांत प्रशासन ने कठोर प्रतिबंध लगाए , जिस कारण जिलों का वातावरण बिगड गया । यह ध्यान में लेकर बंद स्थगित करने का निर्णय आदिवासी समाज ने लिया; तो भी लोगों ने स्वयं स्फूर्ति से बंद का पालन किया । दुकानदारों ने स्वयं ही दुकानें बंद रखीं । इससे ध्यान में आता है कि, ‘राज्य में लालच देकर होने वाले आदिवासियों के धर्मांतरण का लोगों का तीव्र विरोध है’ ।
Chhattisgarh: Bastar remains bandh over conversion rowhttps://t.co/WlHzXNiM4f#Chhattisgarh #BastarBandh #SarvAdivasiSamaj #ReligiousConversion
— News Riveting (@NewsRiveting) January 5, 2023
१. नारायणपुर में २ जनवरी के दिन बररुपारा में धर्मांतरण का अड्डा बने चर्च में तोडफोड की गई थी । इस कारण वहां तनाव का वातावरण निर्माण हो गया था । इस प्रकरण में अभी तक १० लोगों को बंदी बनाया गया है ।
२. बंद के कारण इन सातों जिलों में बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे । इस समय चर्च और ईसाई मिशनरियों की ओर से चलाई जाने वाली संस्थाओं को संपूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी । (‘ईसाई मिशनरियों का समाज में क्यों विरोध है तथा उन पर क्रोध क्यों है?’, यह जानकर प्रशासन द्वारा संबंधित लोगों पर कार्यवाही किए जाने से सामाजिक शांति नहीं बिगडेगी’, प्रशासन यह ध्यान में लेगा क्या ? – संपादक)
३. इस समय मार्च निकालने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया था । जिलों में पुलिस की ओर से फ्लैगमार्च किया गया । नारायणपुर में सामाजिक शांति न बिगडे, इसलिए वहां बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे ।
संपादकीय भूमिकाछत्तीसगढ में ईसाई कांग्रेस की सरकार सत्ता में आने से वहां धर्मांतरण करने वालों पर कार्यवाही होगी, ऐसी अपेक्षा ही नहीं होनी चाहिए । वहां परिणामकारण संगठन के द्वारा ही धर्मांतरण की घटनाएं रोकी जा सकती हैं ! |