श्रद्धा वॉलकर हत्याकांड पर आधारित नहीं है, विवादित अंक ! ‘सोनी लाइव’ का झुंझलाहट भरा उत्तर !

हिन्दुओं द्वारा दिए गए निवेदन को स्वीकार किए बिना दिखावे के लिए खेद व्यक्त  !

मुंबई – चारों ओर से भारी आलोचना के फलस्वरूप  ‘सोनी लिव’ संकेत स्थल पर श्रद्धा वालकर, जघन्य हत्याकांड पर आधारित धारावाहिक के आपत्तिजनक प्रकरण को हटा दिया गया है । यद्यपि एक ओर जहां सोनी लिव ने इस बात को अस्वीकार किया है कि यह अंक श्रद्धा वॉलकर हत्याकांड पर आधारित नहीं है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने खेद भी व्यक्त किया है । यद्यपि  ‘सोनी लाइव’ ने कहा है कि उसने दर्शकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए विवादास्पद भाग को हटा दिया है, वास्तव में ‘सोनी लाइव’ की मूल, संस्था, ´सोनी पिक्चर्स नेटवर्क´ ने हिन्दुऒऺ द्वारा दिए गए सामान्य निवेदन को स्वीकार करने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया है । इससे ज्ञात होता है कि ‘सोनी लिव’ द्वारा जताया गया खेद तो केवल दिखावा है ।

१. हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २ जनवरी को हरियाणा राज्य के गुरुग्राम समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे, श्री. संजय चोपड़ा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री. वैद्यनाथन ये ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क’ के सायबर सिटी कार्यालय में गए थे ।

२. उस समय अधिकारियों ने यह कहकर भेंटना अस्वीकार कर दिया कि, यह ‘सेल्स ऑफिस’ है । इसके साथ ही उन्होंने प्रकरण को हलके में लेते हुए कहा कि वेमुंबई कार्यालय में जाकर निवेदन दें । यह जानकारी नरेंद्र सुर्वे ने दैनिक सनातन प्रभात के प्रतिनिधि से बात करते समय दी ।

३. २७ दिसंबर २०२२ को ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क’ की ‘सोनी लाइव’ संकेतस्थल पर ‘क्राइम पेट्रोल’ धारावाहिक  का ‘अहमदाबाद-पुणे मर्डर केस’ अंक २१२ प्रसारित किया गया । जब इस बात काबोध हुआ कि यह प्रकरण कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड से मिलता-जुलता है तो सामाजिक माध्यम पर ‘सोनी लिव’ की प्रचंड आलोचना हुई । जैसे ही सामाजिक माध्यम पर इस संकेतस्थल के बहिष्कार का आह्वान जोर पकड़ने लगा, सोनी लिव ने आपत्तिजनक हिस्से को हटाते हुए खेद व्यक्त किया ।

(कहते हैं ) ‘दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुएअंक हटाया गया !’ – ‘सोनी लिव’ की झुंझलाहट !

यह कथा काल्पनिक है और वर्ष २०११ में हुई एक हत्या पर आधारित है । इस कथा और वर्तमान की किसी घटना से कोई लेना-देना नहीं है, किन्तु दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस अंक को हटा दिया गया है । यदि इससे दर्शकों की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हम हृदय से खेद व्यक्त करते हैं, ‘सोनी लिव’ ने इन शब्दों में अपनी भूमिका का स्पष्टीकरण दिया है ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं की भावनाओं को महत्व दिए बिना, मात्र दिखाने के लिए खेद व्यक्त करने का कार्य करने वाली ‘सोनी लाइव’ संकेतस्थल का बहिष्कार कर हिन्दुओं को उन्हें सबक सिखाना चाहिए तथा सरकार को भी तत्काल इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !