बरेली रेलवे स्थानक पर मजार तोडने का भी विरोध
बरेली (उत्तर प्रदेश) – न्यायालय का आदेश होने पर अलीगढ में अवैध रूप से निर्माण की गई मस्जिद तथा बरेली रेलवे स्टेशन पर स्थित मजार हटाने हेतु पहुंचे प्रशासकीय दल का विरोध किया गया । अलीगढ में समाजवादी पक्ष के भूतपूर्व विधायक जमीर उल्लाह के नेतृत्व में मस्जिद हटाने का विरोध किया गया तथा कांग्रेस के नेता मेहंदी हसन के नेतृत्व में मुसलमानों ने बरेली रेलवे स्थानक पर स्थित मजार हटाने का विरोध किया ।
१. अलीगढ के शाहपुर की मस्जिद जिस भूमि पर बनाई गई है, उस भूमि पर २ लोग दावा कर रहे थे । इनमें एक हिन्दू तथा एक मुसलमान थे । यह प्रकरण न्यायालय में जाने पर न्यायालय ने हिन्दू व्यक्ति के पक्ष में परिणाम सुनाया । २६ दिसंबर को उपजिलाधिकारी तथा प्रशासकीय दल इस भूमि का नियंत्रण हिन्दू व्यक्ति को देने पहुंचे, तो मुसलमानों ने उनका विरोध किया । इस समय हिन्दू व्यक्ति ने १० लाख रुपए लेकर समझौता करते हुए विवाद मिटाया । ( प्रशासन अथवा पुलिस असहाय होने के कारण धर्मांधों के दबावतंत्र पर बलि चढनेवाले हिन्दू ! यह भूमि जिहाद का ही प्रकरण है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. न्यायालय के आदेश से २८ दिसंबर तक बरेली के रेलवे स्टेशन से २८ दिसंबर तक प्लेटफॉर्म नंबर १ पर स्थित पर मजार हटाने की सूचना दी गई है । मुसलमान इसका विरोध कर रहे हैं । मुसलमान यह मजार ५०० वर्ष पुरानी होने का दावा कर रहे हैं । कांग्रेस के नेता डॉ. मेहंदी हसन का कहना है कि इस मजार से किसी को भी कष्ट नहीं है । (आज जिस स्थान पर मजार है, उसका रूपांतर यदि मस्जिद में हुआ, तो आश्चर्य नहीं प्रतीत होगा । इसलिए प्रशासन को इस पर कार्यवाही करना आवश्यक है । संपादक,दैनिक सनातन प्रभात)
संपादकीय भूमिकाअवैध निर्माण कर उस पर न्यायालय के आदेश से होनेवाली कार्यवाही का विरोध करनेवालों पर कठोर कार्यवाही कर उन्हें कारावास में भेजा जाए, तभी अन्य लोगों में भी भय होगा ! |