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मथुरा (उत्तर प्रदेश) – मथुरा के दीवानी न्यायालय की न्यायाधीश सोनिका वर्मा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है । इस संदर्भ में हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. विष्णु गुप्ता तथा उपाध्यक्ष श्री. सुरजीत सिंह यादव ने पुनर्विचार याचिका प्रविष्ट की थी । न्यायालय ने इस संदर्भ में पुरातत्व विभाग को २ जनवरी २०२३ से यह सर्वेक्षण करने के लिए कहा है । इस सर्वेक्षण का ब्यौरा २० जनवरी तक न्यायालय को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है । काशी की ज्ञानवापी के संदर्भ में इस प्रकार के सर्वेक्षण का आदेश देने पर वहां शिवलिंग तथा हिन्दुओं के अनेक धार्मिक संकेत होने की बात सामने आई थी ।
(सौजन्य : India Today)
१. श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर इदगाह मस्जिद है । इस मस्जिद के स्थान पर ही मूल श्रीकृष्ण जन्मभूमि अर्थात कंस का कारावास था तथा वहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ । औरंगजेब ने यहां का श्रीकृष्ण मंदिर तोड कर यहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कार्य किया । कुल मिलाकर यह १३.३७ एकड भूमि हिन्दुओं को मिलनी चाहिए, इस याचिका द्वारा ऐसी मांग की गई है । पूर्व में एक बार यह याचिका न्यायालय ने अस्वीकार कर दी थी । तदुपरांत पुन: एक बार इस संदर्भ में याचिका प्रविष्ट करने पर इस पर न्यायालय ने इस मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया है । इस याचिका में कहा गया है कि वर्ष १९६८ में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवासंघ तथा शाही ईदगाह मस्जिद के मध्य इस भूमि के विषय में हुआ करार अनुचित है ।
#JustIn:Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Masjid case
Mathura Court has directed court authority to conduct survey of disputed land in a suit filed by Hindu Sena.
The court has directed to submit the report including maps by January 20, 2023#KrishnaJanmabhoomi #Mathura pic.twitter.com/exadpp3xPF
— Bar & Bench (@barandbench) December 24, 2022
२. इस भूमि पर स्थित मस्जिद हटाई जाए तथा प्रथम याचिका में श्रीकृष्ण भक्तों को प्रार्थना करने की अनुमति मिलने की मांग की गई थी । ‘प्रार्थनास्थल कानून १९९१’ के अनुसार १५ अगस्त १९४७ में धर्मस्थल की स्थिति तथा स्तर स्थाई रखा गया है । इस कानून का प्रमाण देते हुए न्यायालय ने उस समय यह याचिका अस्वीकार कर दी थी एवं अपना मत व्यक्त करते हुए कहा था कि यदि याचिका प्रविष्ट कर ली गई, तो इस प्रकार असंख्य भक्तगण न्यायालय में याचिका लेकर आएंगे।