रांची (झारखंड) – झारखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि, मुसलमान लडकियां आयु के १५ वें वर्ष में अपनी इच्छा से किसी भी पुरुष से विवाह करने के लिए स्वतंत्र हैं । मुस्लिम कानून के अनुसार मुसलमान लडकियां आयु के १५ वें वर्ष में वयस्क होती हैं । उच्च न्यायालय ने कहा है कि, इस कारण इस कानून के अनुसार उनका १५ वर्ष की आयु में विवाह करना वैध है ।
Jharkhand HC says Muslim girls can marry after attaining 15 years of age, adds ‘Muslim marriage is governed by personal law’https://t.co/peDzqnExDr
— OpIndia.com (@OpIndia_com) December 1, 2022
१. बिहार के नवादा में रहने वाले २४ वर्षीय मोहम्मद सोनू ने झारखंड के जमशेदपुर की १५ वर्षीय मुसलमान लडकी को विवाह का लालच दिखाकर भगाकर ले गया ।
२. इसके उपरांत लडकी के पिता ने उनकी लडकी गुम होने की शिकायत पुलिस थाने में प्रविष्ट की थी ।
३. इस शिकायत के उपरांत पुलिस ने आरोपी के विरोध में गुना प्रविष्ट किया था । इस प्रकरण में झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई प्रक्रियारत थी ।
४. लडकी के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि, मोहम्मद सोनू ने लडकी के साथ विवाह किया है । अब दोनों परिवार के सदस्य हैं । इस कारण इस प्रकरण में फौजदारी कार्यवाही की प्रक्रिया रोकनी चाहिए ।
५. साथ ही लडकी के पिता ने न्यायालय में बताया कि, उन्होंने ‘नासमझी के कारण’ मोहम्मद सोनू के विरोध में शिकायत प्रविष्ट की थी ।
६. इसके उपरांत उच्च न्यायालय ने १५ वर्षीय लडकी से विवाह करने वाले मोहम्मद सोनू के ऊपर चल रही फौजदारी कार्यवाही रद्द कर दी ।