ईसाई मिशनरियों द्वारा राजस्थान में ३ लाख हिन्दुओं के धर्म-परिवर्तन का षड्यंत्र !

धर्म जागरण मंच का दावा

जयपुर (राजस्थान) – कुछ समय पूर्व ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में ४०० हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तन होने का समाचार सामने आया था । धर्म जागरण मंच अथवा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा ऐसा दावा किया गया है कि राजस्थान में भी भारी संख्या में हिन्दुओं के धर्म-परिवर्तन का षड्यंत्र रचा गया है । राज्य के १२-१३ जिलों में ईसाई मिशनरी लगभग ३ लाख हिन्दुओं के संपर्क में हैं तथा वे इन हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तित करने के प्रयास में हैं’ । ईसाई मिशनरी मूर्ति पूजा का विरोध कर हिन्दुओं का बुद्धिभ्रम कर रहे हैं ।

धर्म जागरण मंच द्वारा किए गए दावे के अनुसार,

१. राजधानी जयपुर से केवल २२ किमी दूरी पर वाटिका गांव के ढाणी बैरावाल में मिशनरी कार्यरत हैं । यहां ४०० हिन्दू परिवारों के धर्म-परिवर्तन का प्रयास किया जा रहा है ।

२. ईसाई मिशनरी हिन्दुओं को मूर्तिपूजा बंद करना, व्रतों का पालन न करना, हिन्दू देवी-देवताओं को न मानना, ऐसे कृत्य करने के लिए कह रहे हैं । उसी प्रकार वे दावा कर रहे हैं कि येशू की उपासना करने से बीमारी के साथ अन्य सभी समस्याओं का निराकरण होगा । यदि देवी-देवताओं की पूजा की, तो अनर्थ हो जाएगा ।

३. स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ईसाई मिशनरी हिन्दुओं को नौकरी का लालच दर्शा कर देवी-देवताओं की मूर्तिर्यांं नदी तथा तालाब में फेंकने अथवा पीपल के वृक्ष के नीचे रखने के लिए कह रहे हैं ।

सिवनी (मध्य प्रदेश) में हिन्दुओं का बलपूर्वक धर्मांतरित करनेवाले ८ ईसाई नियंत्रण में !

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के डाला गांव में हिन्दुओं का बलपूर्वक धर्म-परिवर्तन करनेवाले ८ ईसाईयोें को नियंत्रण में लिया गया है । पुलिस को सोहन लाल नागेश नामक व्यक्ति के घर हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तन चालू रहने की जानकारी प्राप्त हुई थी । इस अवसर पर धर्म-परिवर्तन के बदले में आर्थिक प्रतिफल (मुआवजा)देने के विषय में भी कहा जा रहा था । इस संदर्भ में श्रीराम सेना के प्रांतीय अध्यक्ष शुभम सिंह ने बताया कि सिवनी, बालाघाट, छिंदवाडा तथा आसपास के क्षेत्रों में धर्म -परिवर्तन की अनेक घटनाएं होती हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • हिन्दुओं में धर्मशिक्षा के अभाव के कारण ही वे ईसाईयों के लालच पर सहज रूप से बलि चढा दिए जाते हैं । इसलिए उन्हें धर्मशिक्षा देने तथा केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून पारित करने की आवश्यकता है !
  • यदि इस दावे में सार है, तो कांग्रेस के राज्य में ईसाईयोें को खुली छूट मिलने में कोई आश्चर्य नहीं !