चलचित्र में ३२ सहस्त्र हिन्दू और ईसाई युवतियों के धर्मांतरण और आतंकवाद के लिए उनका उपयोग कैसे किया गया दर्शाया गया है !
मुंबई – हिन्दी चलचित्र ‘द केरल स्टोरी’ का विज्ञापन (टीजर) प्रदर्शित किया गया है । इसमें एक महिला को हिजाब (एक मुस्लिम महिला के सिर और गर्दन को ढकने वाला वस्त्र ) पहने हुए दिखाया गया है जो नर्स बनने का सपना देखती है, किन्तु उसका घर से अपहरण कर लिया गया है । इसके उपरांत, वह अफगानिस्तान की एक जेल में बंद है, यह स्वयं बताती है । इस चलचित्र में दिखाया गया है कि केरल की ३२ सहस्त्र युवतियों को लालच, दबाव, डर आदि के माध्यम से बाध्य कर जाल में फंसाकर इस्लामिक देशों में जिहाद के लिए ले जाया जाता है । इसमें यह भी दिखाया गया है कि इन युवतियों को यौन संबंधों के लिए इन देशों में जिहादी आतंकवादियों द्वारा गुलाम बनाकर रखा जाता है । इसमें बड़ी संख्या में हिन्दू युवतियों को फंसाया गया था । इस चलचित्र के निर्देशक सुदीप्तो सेन हैं । उन्होंने इस विषय पर गहन शोध किया तथा समाज के विभिन्न सेवा संगठनों ने इसमें उनकी सहायता भी की ।
सौजन्य: Sunshine Pictures
सत्य घटनाऒ पर आधारित है फिल्म ! -निर्माता विपुल शाहइस चलचित्र के निर्माता विपुल शाह ने कहा कि यह एक ऎसे संकट की कथा है जो दर्शकों को आत्मनिरीक्षण करने के लिए विवश करेगी । यह एक वास्तविक, निष्पक्ष और सत्य घटना है । एक अन्वेषण के अनुसार २००९ के उपरांत से केरल राज्य और कर्नाटक के मंगलुरु नगर से अनुमानित ३२ सहस्त्र हिन्दू और ईसाई लड़कियों को इस्लाम में बलपूर्वक धर्मांतरित किया गया है । इनमें से अधिकांश युवतियों को सीरिया, अफगानिस्तान और इस्लामिक स्टेट के जिहादी आतंकवादी संगठन के प्रभुत्व वाले अन्य देशों में ले जाया गया और वहां बंदी बना लिया गया । उनके दारुण व नारकीय दु:ख की संपूर्ण जानकारी के साथ ही भीषण षड्यंत्र, इस चलचित्र में दिखाया गया है । |