मुंबई – २९ सितंबर, २०१६ को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के बाहर से हो रहे आतंकवाद पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकवादी बेस पर किया आक्रमण) किया था । आज ठीक ६ वर्ष उपरांत पी.एफ.आई. पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने देश के अंतर्गत आतंकवाद पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया है, ऐसी प्रतिक्रिया सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने व्यक्त की है ।
The ban on ‘PFI’ is a slap in the face to the jihadist tendencies of ‘Ghazwa-e-Hind’, i.e. India, who have dreams of making India an ‘Islamic State’.#PFIBan is a ‘surgical strike’ on internal terrorism!#IndiaSupportsBanonPFI
— Chetan Rajhans (@1chetanrajhans) September 28, 2022
सनातन संस्था ने प्रसिद्धी पत्रक में कहा है कि,
१. ‘पी.एफ.आई.’ पर प्रतिबंध, यह ‘गजवा-ए-हिन्द’ अर्थात भारत को ‘इस्लामिक स्टेट’ बनाने के स्वप्न संजोनेवाले जिहादी मानसिकता को तमाचा है ।
२. मुसलमान युवकों का ब्रेनवॉश कर ‘पी.एफ.आई.’ ने देशभर में हिन्दू युवतियों का अपहरण कर ‘लव जिहाद’, हिन्दू नेताओं की हत्या, हिन्दू विरोधी दंगे आदि का षडयंत्र रचते हुए अनेक आतंकवादी कृत्य किए ।
३. वर्ष २०४७ में भारत को ‘इस्लामिक स्टेट’ बनाने का स्वप्न साकार करने के लिए उन्होंने देशहित में बनने वाला नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण विधेयक का हिंसक ढंग से विरोध किया ।
४. कुल मिलाकर इस प्रतिबंध के कारण ‘भारत का इस्लामीकरण करने का ध्येय संजोने वाली इस आतंकवादी मुहिम को ही प्रतिबंध लगा है’, ऐसा कहा जा सकता है । देश की सुरक्षा के संबंध में कोई भी समझौता न करने वाली मोदी सरकार के साहसी निर्णय का सनातन संस्था स्वागत करती है ।