रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी घुसपैठिये मुसलमानों को ‘पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ आधार कार्ड बनाकर दे रहा है !

आधार कार्ड बनाकर संगठन में भरती किया जा रहा है !

आधारकार्ड (प्रतिकात्मक छायाचित्र )

पाटलीपुत्र (बिहार) – जिहादी संगठन पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने उसके संगठन में रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी घुसपैठिये मुसलमानों को भरती करने हेतु उनके आधार कार्ड बनाए थे, पुलिस की जांच में ऐसी जानकारी सामने आई है । आधार कार्ड बनाने हेतु तस्करों द्वारा बनावटी कागदपत्र तैयार किए गए थे तथा इन मुसलमानों को कर्नाटक तथा अन्य राज्यों में कामगार के रूप में भेजा जा रहा है । इसके द्वारा उनकी नई पहचान निर्माण की जा रही है । बिहार की नेपाल सीमा पर किशनगंज, दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, सुपौल तथा पूर्णिया, इन जिलों में यह प्रकरण चल रहा है ।

आधार कार्ड बनाने हेतु भारतीय मुसलमानों का उपयोग !

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड बनाने हेतु पी.एफ.आइ. द्वारा भारतीय मुसलमान परिवारों का उपयोग किया जा रहा है । इसके लिए इन परिवारोें को विभिन्न प्रकार के लालच दिखाने के साथ-साथ पी.एफ.आइ. की ओर से पैसे भी दिए जा रहे हैं । तत्पश्चात ये परिवार रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी घुसपैठिये मुसलमानों को उनके परवार के सदस्य बता रहे हैं । जिस व्यक्ति का आधार कार्ड बनाना है, उसके विषय में भारतीय मुसलमान ऐसा बता रहे हैं कि जिस समय यह छोटा था, उस समय उसे संबंधियों के पास भेजा गया था । इसलिए उसका आधार कार्ड नहीं बनाया जा सका । अब हमारे पास वापस आने के कारण हम उसका आधार कार्ड बना रहे हैं ।

बंगाल एवं असम मार्ग से नहीं, अपितु नेपाल मार्ग से घुसपैठ !

इस अधिकारी ने आगे बताया कि बंगाल एवं असम की सीमा पर अब कठोर (सख्त) सुरक्षा व्यवस्था होने से ये घुसपैठिये नेपाल मार्ग से भारत में घुसपैठ कर रहे हैं । भारत-नेपाल सीमा के अनेक स्थानों पर वे बडी संख्या में रह रहे हैं ।

नेपाल सीमा पर ५०० करोड रुपए व्यय कर ७०० नए मदरसे तथा मस्जिदों का निर्माण कार्य !

वर्ष २०१८ के उपरांत नेपाल की सीमा पर ५०० करोड रुपए व्यय कर ५०० नए मदरसे एवं मस्जिदों का निर्माणकार्य किया जा रहा है । इसके लिए संयुक्त अरब अमिरात, कतार तथा तुर्की, इन देशों से अर्थपूर्ति की गई है । इस पुलिस अधिकारी ने ऐसा भी बताया ।

संपादकीय भूमिका

राष्ट्रघाती पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार कब प्रतिबंध लगाएगी ?, हिन्दुओं की ओर से निरंतर ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए !