अजमेर दरगाह के अंजुमन कमेटी सचिव के पुत्र का हिन्दू विरोधी वक्तव्य ।
जयपुर – अजमेर दरगाह के संचालन मंडल के सदस्य तथा सेवक (खादिम) ने कुछ दिन पूर्व भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विरुद्ध भडकाऊ टिप्पणी की थी । इससे देश के वातावरण में हलचल निर्माण हुई थी । अब दरगाह चलाने वाली अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती के पुत्र आदिल चिश्ती ने हिन्दू देवी-देवताओं का उपहास किया है । आदिल चिश्ती ने हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए एक वीडियो जारी किया । कुछ दिन पूर्व सरवर चिश्ती ने मुसलमानों से हिन्दू व्यापारियों का बहिष्कार करने की मांग की थी । दरगाह के एक अन्य नौकर गौर चिश्ती ने पैगंबर का अपमान करने वालों को सिर काटने की धमकी दी थी । आदिल चिश्ती ने २३ जून २०२२ को इस वीडियो को प्रसारित किया था ।
Chishtis of Ajmer Dargah continue hate speeches against Hinduism, Aadil Chishti insults Hindus over ‘animal Gods’ and ‘333 crore Gods’https://t.co/Bf5rhWUNGa
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 14, 2022
आदिल चिश्ती का वक्तव्य –
१. यदि नुपुर शर्मा हिन्दू हैं तो मैं उनसे कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं । ३३३ करोड देवताओं के अस्तित्व को कैसे माना जा सकता है ? क्या यह तार्किक है ? ‘एक ही ईश्वर का होना’, यह हम समझ सकते हैं । हम समझ सकते हैं कि विभिन्न धर्मों में ईश्वर की अलग-अलग परिभाषाएं हैं ; किंतु ३३३ करोड ‘देवताओं की थोक बिक्री’ (Wholesale of Gods) के विषय में क्या ? किसी व्यक्ति को एक सहस्र वर्ष की आयु मिली, तो भी वह ३३३ कोटी देवताओं को प्रसन्न नहीं कर सकेगा ? (हिन्दू धर्म में ३३३ कोटी देवताओं का नहीं, ३३ कोटी देवताओं का उल्लेख है । जैसा कि उन्नत चिकित्सा में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ आदि जैसे विभिन्न विशेषज्ञ होते हैं, प्रत्येक देवता की अपनी विशेषता होती है और विभिन्न कठिनाइयों में संबंधित देवता की पूजा करने से परिणाम मिलते हैं । इसलिए इतने देवताओं का होना उपेक्षा करने की बात न होकर यह हिन्दू धर्म की विशेषता है, यह आदिल चिश्ती को समझना चाहिए । – संपादक)
२. नूपुर शर्मा को पुछना चाहता हूं कि, हिन्दुओं की पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के १० अवतार बताए गए हैं । इनमें से कुछ अवतार मानव-सदृश हैं, कुछ पशु-समान हैं, और कुछ मानव तथा पशु मिश्रित शरीरों से बने हैं । (प्रत्येक देवता ये तत्व है । ‘किस स्वरूप में प्रकट होने से भक्त का उद्धार होगा’, ये ईश्वर को ज्ञात होता है । इसलिए वह उस रूप में प्रकट हुए हैं । यदि एकेश्वरवादी ऐसे प्रश्न पूछने की अपेक्षा उसकी पूजा करते हैं, तो उन्हें भी ऐसा ही लगेगा !- संपादक) क्या भगवान के लिए इस प्रकार से १० अवतार लेना संभव है ? (भगवान कृष्ण का भक्तों को गीता में वचन दिया है कि ‘जब पृथ्वी पर अधर्म होगा, तब मैं अवतार लूंगा ।’ जिस प्रकार कुरान का हर वाक्य मुसलमानों के लिए सत्य है, वैसे ही धर्मनिष्ठ हिन्दुओं के लिए परमेश्वर का वचन एक ब्रह्म वाक्य है ! इस कारण ‘ईश्वर अवतार लेते हैं’, इसपर हिन्दुओं को दृढ श्रद्धा है ! – संपादक)
३. आदिल ने पूछा ‘आप हनुमान तथा श्री गणेश के अस्तित्व को कैसे सिद्ध कर सकते हैं ? ये दोनों देवता पूर्ण रूप से मानव नहीं हैं’, ऐसा भी कहा जाता है ।
आदिल चिश्ती द्वारा बात को अस्वीकार करना
जब आदिल चिश्ती का विरोध होना आरंभ हुआ तो उन्होंने पलट कर कहा, “यदि मेरे वक्तव्य से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं क्षमा मांगता हूं ; परन्तु अनेक समाचार वाहिनियों ने मेरा विडीओ संपादित कर प्रसारित किया ।” (हिन्दुओं को चाहिए कि इस प्रकरण को प्रशासन में तब तक उठाएं जब तक चिश्ती को दंड न मिल जाए ! -संपादक)
संपादकीय भूमिका
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