आळंदी (पुणे) – गत २४ वर्षों से हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के ‘ई-पेपर’ का उद्घाटन एवं लोकार्पण ३ मई अर्थात अक्षय तृतीया पर ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास’ के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी की आळंदी स्थित वेदपाठशाला में भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । ‘डिजिटल न्यूजपेपर’ से चिरंतन दृष्टिकोण और राष्ट्र-धर्म उत्थान के लिए क्रियान्वित ‘सनातन प्रभात’ अब अधिक व्यापक स्वरूप में विश्व के पाठकों के लिए उपलब्ध होगा ।
देश में हो रहे परिवर्तनों में ‘सनातन प्रभात’ का अत्यधिक योगदान है ! – प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी
‘सनातन प्रभात’ का कार्य अति उत्तम है । इस कार्य से ऐसा वातावरण निर्माण हुआ है कि राष्ट्र में हर जगह एक जागरण की अनुभूति किसी को भी हो सकती है । प्रतिदिन हमारे घर आनेवाले दैनिक ‘सनातन प्रभात’ का ‘ई पेपर’ संस्करण पहली बार प्रकाशित हो रहा है । उसका विमोचन आळंदी क्षेत्र से वेदश्री तपोवन में संत ज्ञानेश्वर महाराजजी की कृपा से संपन्न हुआ, ऐसा मैं घोषित करता हूं । मेरी नजरों में हिन्दू राष्ट्र तो मूल में है । हिन्दू साम्राज्य की निर्मिति होना आवश्यक है । संपूर्ण देश का वातावरण देखने से ध्यान में आता है कि उस दिशा में हम अधिक गति से अग्रसर हो रहे हैं । यह बात स्वीकार करने में मुझे बिल्कुल संकोच नहीं होता कि देश में जो कुछ परिवर्तन हो रहे हैं, जो कुछ प्रगति उचित दिशा में आरंभ हो रही है, उस में सनातन प्रभात का बहुत बडा योगदान है । इस समय ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के उपसंपादक तथा महाराष्ट्र विधिमंडल के प्रतिनिधि, श्री. अरविंद पानसरे ने इस ‘डिजिटल न्यूजपेपर’ का उद्देश्य स्पष्ट किया । अयोध्या के श्रीराम कुंज कथा मंडप के आचार्य सत्यनारायण दास ने कहा कि ‘‘संस्कृति संजोकर जो कार्य हो रहा है, वह आज के काल अनुसार समाज में पहुंचाने का प्रयास प्रशंसनीय है ।’’
भारतीय शिक्षा मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री. मुकुल कानिटकर ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘‘अपनी संस्कृति का प्रसार करना, यह अपनी धरोहर ‘सनातन प्रभात’ ने संभाली और ‘ई-पेपर’ के रूप में प्रदर्शित की ।’’
हिन्दुओं की समस्याओं को उजागर करनेवाला ‘सनातन प्रभात’ अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए आधारस्तंभ समान है । ‘सनातन प्रभात’ का ‘ऑनलाइन’ संस्करण भी उपलब्ध है । अक्षय तृतीया के शुभमुहूर्त पर ‘सनातन प्रभात’ ‘ई-पेपर’ के स्वरूप में भी उपलब्ध हो रहा है । हिन्दुओं पर बढ रहे आघातों को देखकर हिन्दुओं को निरंतर दिशादर्शन की आवश्यकता है । ऐसी स्थिति में अधिकतम हिन्दुओं तक पहुंचने के लिए इस माध्यम का भलि-भांति उपयोग हो सकता है । (४.५.२०२२)