अयोध्या के तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंसाचार्य जी को ताजमहल में प्रवेश से रोखा !

  • ब्रह्मदण्ड लोहे का बताकर वह अन्दर ले जाने के लिए किया मना !

  • सुरक्षा अधिकारी ने उसके पश्चात की क्षमायाचना ! 

आगरा (उत्तर प्रदेश) – यहां ताजमहल देखने गए अयोध्या के तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंसाचार्य जी को भीतर प्रवेश करने से सुरक्षाकर्मीयों ने रोखा । भगवा वस्त्र और हाथ में ब्रह्मदण्ड होने के कारण भीतर जाने से रोखने का दावा परमहंसाचार्य जी ने किया है । ‘जगद्गुरुजी को लोहे का ब्रह्मदण्ड भीतर ले जाने से मना किया’, ऐसा दावा सुरक्षा अधिकारीयों ने किया है । विवाद बढने पर अधिकारीयों ने परमहंसाचार्य जी कि क्षमायाचना भी की है । 

१. इस घटना के सन्दर्भ में परमहंसाचार्य जी ने कहा कि, “ताजमहल में गढा शिवलिंग देखने आया था । संध्या के समय ५-३० को शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश कर रहा था, तब वहा उपस्थित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा दल के सैनिकों ने मुझे रोखा और भगवा वस्त्र एवं ब्रह्मदण्ड पर आक्षेप लिया । मेरी टिकट जांची गई । मेरे शिष्य द्वारा सैनिकों के छायाचित्र निकालने का प्रयत्न करने पर उसका भ्रमणभाष संच छीनकर उसमें लिया छायाचित्र मिटा दिया गया ।

२. परमहंसाचार्य जी के शिष्य परमहंस जी ने बताया कि, “भ्रमणभाष निषेध होनेवाले मथुरा, अयोध्या और काशी के मन्दिरों में भी ब्रह्मदण्ड को किसी ने रोखा नहीं । ब्रह्मदण्ड लोहे का न होकर काष्ठ (लकडी) का है । भगवे के कारण भीतर जाने से रोखना चिंताजनक है ।” (भगवे को रोखा जाना, यह भारत है या पाकिस्तान ? – संपादक)

३. संपूर्ण प्रकरण के सन्दर्भ में पुरातत्व अधिक्षक आर. के. पटेल ने बताया कि, “जगद्गुरु परमहंसाचार्य जी ने लोहे की सलाख साथ में ली थी । वह साथ में लेने को मना किया गया । सुरक्षा कर्मियों ने उसे बाहर ही रखने का बताया था, मात्र वह संमत नहीं हुआ । उन्हें बाहर किसने भडकाया यह ज्ञात नहीं ।”

हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा निषेध ! 

जगद्गुरु परमहंस जी को ताजमहल में प्रवेश मना करने पर हिन्दुत्वनिष्ठों ने इसका तीव्र निषेध किया है । इस कारण, यहां के पुरातत्व विभाग कार्यालय के बाहर पुलिस रखी गई । पुरातत्व विभाग के निषेधार्थ हिन्दुत्वनिष्ठ यहां २७ अप्रेल के सबेरे पुतला लेकर पहुंचे थे । इस समय उपस्थित पुलिस ने पुतला संज्ञान में लिया । हिन्दू महासभा ने पुरातत्व विभाग की परिवाद की है ।

हिन्दुद्वेषी पर्यटकों से परमहंसाचार्य जी की टिप्पणीयां ! 

परमहंसाचार्य जी बोले, ‘तुम्हारी दाढी है, टोपी पहनी, तो चलेगा । भगवा पहनकर क्यों आएं ? ऐसा एक दक्षिण भारतीय पर्यटक नें मजाक में कहा’, ऐसा परमहंसाचार्य जी ने बताया । इसी प्रकार, ‘योगी आदित्यनाथ को भी भगवा परिधान करने से उन्हें यहां रोका गया था’, ऐसी जानकारी हमें प्रवेश द्वार पर दी गई थी । ‘हमें रोकने वाले दोषी पर कारवाई की जाए’, ऐसी हमारी मांग होने का परमहंसाचार्य जी ने बताया ।

सम्पादकीय भूमिका

हिन्दू सन्तों की ऐसी अवमानना, केन्द्र सरकार के नियन्त्रण में होनेवाली सुरक्षा यन्त्रणाएं कैसी कर सकती हैं ? उन्हें सन्तों का उचित सम्मान करना नहीं सिखाया क्या ?