उत्तर भारत में ‘सनातन संस्था के ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ का उद्घाटन !
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ‘‘सनातन संस्था ने अध्यात्म, धर्माचरण, दैनिक आचरण से संबंधित गतिविधियां, भारतीय संस्कृति आदि अनेक विषयों पर अमूल्य एवं व्यापक ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । सनातन के ग्रंथों का दिव्य ज्ञान समाज में प्रसारित करने के लिए संपूर्ण भारत में संस्था द्वारा ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ चलाया जा रहा है । ये ग्रंथ समाज के प्रत्येक जिज्ञासु व्यक्ति, मुमुक्षु (मोक्ष की इच्छा रखने वाला), साधक आदि तक पहुंचकर उनके जीवन का कल्याण हो, इस उद्देश्य से यह अभियान आरंभ किया गया है । छात्र, शिक्षक, अभिभावक, गृहिणियां, अधिवक्ता, चिकित्सक, पत्रकार, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी, उद्योगपति, राष्ट्रप्रेमी सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के अधिक से अधिक जिज्ञासु इन ग्रंथों का लाभ उठाएं’’, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने किया । वे १० अक्टूबर के प्रातःकाल आयोजित ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ के ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे । सनातन संस्था के यूट्यूब चैनल पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया । ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ का शुभारंभ पू. सिंगबाळजी के शुभहस्तों से दीप प्रज्वलित कर किया गया ।
इस समय पू. सिंगबाळजी ने कहा, ‘‘सनातन ने बालसंस्कार, धर्मशास्त्र ऐसे क्यों कहता है?, आचारधर्म, देवताओं की उपासना, आयुर्वेद, धार्मिक एवं सामाजिक कृत्यों से संबंधित ग्रंथ, इनके अतिरिक्त ‘प्राकृतिक आपदाओं के समय में स्वयं की रक्षा कैसे करें’ आदि अनेक विषयों पर ३४७ ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । ये ग्रंथ मराठी, हिंदी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी आदि १७ भाषाओं में उपलब्ध हैं । इन ग्रंथों की अब तक ८२ लाख ४८ सहस्र प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं ।
इस अभियान के अवसर पर ग्रंथ-प्रदर्शनियों, संपर्क अभियानों, ग्रंथों के महत्त्व की व्याख्या करनेवाले हस्तपत्रकों (पैंफ्लेट्स), डिजिटल पुस्तिकाओं, समाचार माध्यमों पर विशेष कार्यक्रमों, सामाजिक माध्यमों’ आदि के माध्यम से संपूर्ण देश में सनातन के ग्रंथों का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है । इस संबंध में संतों के आशीर्वाद प्राप्त किए जा रहे हैं तथा गणमान्य व्यक्तियों से सदिच्छा भेंट की जा रही हैं । सनातन संस्था द्वारा आवाहन किया गया है कि ‘सनातन के ग्रंथ स्वयं खरीदें’, ‘विभिन्न शुभ अवसरों पर भेंट स्वरूप दें’, ‘इन ग्रंथों के संबंध में मित्रों एवं परिजनों को जानकारी दें’, इन ग्रंथों को पाठशालाओं, महाविद्यालयों, पुस्तकालयों आदि स्थानों पर प्रायोजित करें’।
इस ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ उद्घाटन समारोह का रिकॉर्डिंग, जमशेदपुर के एक स्थानीय केबल चैनल जेसीसीएन (Jccn) पर लगातार दो दिन प्रसारित किया गया । इस चैनल की दर्शक संख्या ५०,००० से अधिक है ।
दैनिक जागरण के साथ ही अन्य समाचार पत्रों और वेबपोर्टल पर भी इस समारोह की प्रसिद्धि मिली । |