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जकार्ता (इंडोनेशिया) – विश्व में सर्वाधिक अर्थात २१ करोड मुसलमान जनसंख्या वाले इंडोनेशिया में ७० सहस्र मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज न्यून की गई है । बडी आवाज के कारण लोग त्रस्त होने से ‘इंडोनेशिया मस्जिद परिषद’ ने यह निर्णय लिया है । कुछ दिनों से देश में लाउडस्पीकरों की बडी आवाज का विरोध चालू हो गया था । इस संदर्भ में ऑनलाइन शिकायतों की संख्या बढ गई थी । ‘लाउडस्पीकरों की बडी़ आवाज के कारण हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा परिणाम हो रहा है । निराशा, चिडचिडाहट, नींद का नाश ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं’, ऐसा लोगों का कहना था । यह सूत्र संवेदनशील होने से लोग खुले तौर पर विरोध नहीं कर रहे थे ।
इंडोनेशिया में अजान धीमी हुई: 70 हजार मस्जिदों में लाउड स्पीकर की आवाज घटाई गई, लोग चिड़चिड़ेपन की शिकायत कर रहे थेhttps://t.co/1t3T2EYrKf #Indonesia #Mosque #loudspeaker
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) October 20, 2021
१. परिषद के अध्यक्ष यूसुफ काल्ला ने बताया कि, देश की ७ लाख ५० सहस्र से अधिक मस्जिदों में से अधिकतर मस्जिदों के लाउडस्पीपर ठीक नहीं है । इस कारण अजान की आवाज जोर से आती है । परिषद ने ७ सहस्र तकनीकी विशेषज्ञों को काम सौंप कर देश की लगभग ७० सहस्र मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की आवाज कम की है ।
२. देश में ईशनिंदा के कानून में कठोर सजा देने का प्रावधान है । अजान की बडी़ आवाज का विरोध करने से एक महिला को डेढ वर्ष की सजा हुई है । जब राजधानी जकार्ता में कुछ लोगों ने बडी आवाज के विरोध में शिकायत की, तब सहस्रों धर्मांधों ने उनकी इमारतों का घेराव किया था । तब सेना को बुलाना पडा था ।
जर्मनी के कोलोन शहर में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों का विरोधजर्मनी के सबसे बडे शहरों में से एक कोलोन में वहां के महापौर ने शुक्रवार को मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों से अजान सुनाने की अनुमति देने पर उसका देश के कट्टर राष्ट्रनिष्ठ ए.एफ.डी. (अल्टरनेटिव फॉर डायशेलैंड) इस राजनीतिक पार्टी ने तीव्र विरोध किया है । पार्टी के उप प्रवक्ता मैथियस बुशग्स ने कहा कि, ’जर्मनी का इस्लामीकरण करने का प्रयास हो रहा है । इस निर्णय के कारण हमारा देश ईसाई नहीं, तो इस्लामी होने की छवि निमार्ण हो रही है ।’ कोलोन में १ लाख २० सहस्र मुसलमान रहते हैं । यह संख्या शहर की कुल जनसंख्या का १२ प्रतिशत है । |