सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव ।

फोंडा, १५ मई (वार्ता): जैसे श्रीराम की विजय का शंखनाद अयोध्या से संपूर्ण दिशाओं में गूंज उठा था, वैसे ही सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के ८३वें जन्मोत्सव एवं संस्था के रजत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में ‘सनातन राष्ट्र’ का दिव्य शंखनाद, भगवान परशुराम के चरणों से पवित्र हुई गोमंतक भूमि में गूंजने वाला है ।
⚔️ The grand cutouts of Chhatrapati Shivaji Maharaj ignite the Kshatra Vrutti (warrior spirit) in every Shivpremi 💥
The air echoes with chants of ‘Har Har Mahadev!’ 🔱🔥
📣 Sanatan Rashtra Shankhnad Mahotsav
🗓️ May 17–19 | 📍Farmagudi, Ponda
In honour of the 83rd birth… pic.twitter.com/c0Nt1jgk8Q
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 15, 2025
१७ से १९ मई की अवधि में सनातन संस्था की ओर से फर्मागुड़ी, फोंडा (गोवा) स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का ऐतिहासिक आयोजन किया गया है । इस महोत्सव की विशेषता यह है कि भारत सहित २३ देशों के नागरिक, संत, महंत, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री, तथा २५ सहस्त्र से अधिक साधक एवं धर्मप्रेमी हिन्दू उपस्थित रहने वाले हैं । यह दिव्य शंखनाद रामराज्य की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम होगा ।
🔥 From stage to arrangements – every corner echoes, “The fierce beginning is here!”
☀ Preparations for Sanatan Rashtra Shankhnad Mahotsav are in their final stage! 🚩
📹 Watchvideo
🗓 17th to 19th May 2025
📍 Farmagudi, Ponda, Goa#Shankhnad_Mahotsav_Goa pic.twitter.com/vnSvmYW8Qb— Sanatan Rashtra Shankhnad Mahotsav 🙏🏻☀️🚩 (@SRSmahotsav) May 15, 2025
ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश इन तीनों शक्तियों के अस्तित्व का अनुभव करने हेतु पीले रंग की आकर्षक भव्य स्वागत कमान निर्मितइस महोत्सव के निमित्त रामनाथी स्थित सनातन के आश्रम के प्रवेशद्वार पर पीले रंग की एक भव्य स्वागत कमान बनाई गई है । ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश इन तीनों शक्तियों का एकरूप स्वरूप ही साक्षात् श्री गुरुदेव दत्त माने जाते हैं । श्री दत्तात्रेय जी को पीला रंग प्रिय है और सनातन संस्था का आध्यात्मिक रंग भी पीला ही है । इसी अनुरूप इस कमान पर पीले रंग का प्रयोग किया गया है । ऐसा प्रतीत होता है कि इस कमान को देखकर इन तीनों शक्तियों का अनुभव सजीव होता है । कलियुग में गुरुकृपायोग के अनुसार साधना अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है; इसी कारण इस कमान पर गुरु द्वारा शिष्य को आशीर्वाद देते हुए दिखाने वाला बोधचिन्ह लगाया गया है, जिससे भारत की गुरु-शिष्य परंपरा को रेखांकित किया गया है । साथ ही, इस कमान पर कमल के फूल का चित्र भी अंकित है । इसका अर्थ यह है कि इस कमान में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण तथा महालक्ष्मी देवी का भी दिव्य वास दृष्टिगोचर होता है । इस पीले रंग की आकर्षक कमान से होकर जाते समय ऐसा भाव मन में जागृत होता है मानो हम श्रीकृष्ण की द्वारकानगरी में प्रवेश कर रहे हों । इस कमान से निकलते समय ऐसा अनुभव होता है मानो हम द्वारकानगरी के श्रीकृष्ण, अर्थात महर्षियों द्वारा जीवनाडीपट्टी में वर्णित भगवान विष्णु के अंशावतार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवले के दर्शन हेतु जा रहे हैं । |