Message Against ‘Operation Sindoor’ : सामाजिक माध्यमों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विरुद्ध मिले सहस्त्रों संदेश: कट्टरपंथी मुसलमानों की संलिप्तता की संभावना !

भारत विरोधी संदेश भी सम्मिलित !

मुंबई – पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सैनिकों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विरुद्ध सामाजिक माध्यम पर बडी संख्या में संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं । महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने अब तक विभिन्न सामाजिक माध्यमों पर इस संबंध में ५,००० से अधिक संदेशों को हटा दिया है; यद्यपि अनेक संदेश अभी भी सामाजिक माध्यम पर हैं और बडी मात्रा में बनाए जा रहे हैं । इसमें कुछ भारत विरोधी संदेश भी सम्मिलित हैं । जिन खातों से संदेश भेजे जा रहे हैं उनमें से अधिकांश इस्लामी नाम वाले हैं । इसलिए, ऐसी संभावना है कि भारत के कट्टरपंथी मुसलमान इसमें सम्मिलित हों । जिन खातों से ऐसे संदेश भेजे जा रहे हैं, उनकी पुलिस जांच कर रही है ।

१. महाराष्ट्र साइबर पुलिस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में भ्रामक बातें और भारत विरोधी संदेशों को हटाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है । इनमें से कुछ संदेशों में सैन्य गतिविधियों और रणनीतियों के संबंध में भ्रामक बातें प्रसारित की गयी हैं ।

२. अधिकांश संदेश यह भ्रामक बात प्रसारित कर रहे हैं कि भारतीय सैनिकों की कार्यवाही मुस्लिम विरोधी है । इसके लिए सामाजिक माध्यम पर कुछ पुराने एवं असत्य लघु चलचित्र प्रसारित किए जा रहे हैं।

3. इस प्रकरण में महाराष्ट्र पुलिस ने नागपुर के एक होटल से रिजाज एम. शीबा सिद्दीकी (२६ वर्ष) नामक कथित स्वतंत्र पत्रकार को बंदी बनाया । रेजाज मूल रूप से केरल का रहने वाला है और उसे समाचार वेबसाइट ‘मकतूब मीडिया’ पर लिखते हुए पकड़ा गया है ।

४. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के उपरांत उसने संकेत स्थल पर भारतीय सैनिकों के संबंध में आपत्तिजनक बातें लिखी थीं । इससे पहले भी उस पर नक्सलवाद के विरुद्ध केंद्र सरकार की कार्यवाही के संबंध में आपत्तिजनक लेख लिखने का आरोप था।

५. महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारतीय सैनिकों के संबंध में भ्रामक बातें प्रसारित करने वाले लेख सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किए जा रहे हैं । इस तरह के संदेश यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स आदि सामाजिक माध्यमों द्वारा प्रसारित किए जा रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका

ऐसे घर भेदी राष्ट्र विरोधी सरकार का प्रतिकार करने वालों को समय रहते दंडित किया गया, जो देश में युद्ध जैसा आपातकाल होते हुए आंतरिक अशांति प्रसारित *कर रहे हैं, तब ही देश आगामी संकट से सुरक्षित रहेगा !