जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुफ्ती मुहम्मद अकबर कासमी की धमकी !

अलीगढ (उत्तर प्रदेश) – वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के पश्चात विविध मुस्लिम संगठन आक्रामक हो गए हैं । अलीगढ में जमीयत उलेमा-ए-हिंद संगठन के नगर अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अकबर कासमी ने सरकार को चेतावनी दी है । यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है । इसलिए मुसलमान सडकों पर उतरेंगे और इसका विरोध करेंगे । कासमी ने यह भी कहा है कि यह आंदोलन वैसा ही होगा जैसा स्वतंत्रता के समय मुसलमान सडकों पर उतरे थे ।
🚨 “Withdraw the Waqf Bill or we’ll hit the streets!” – Threat by Mufti Mohammad Akbar Qasmi of Jamiat Ulema-e-Hind
📜 The Bill was passed by Parliament, yet no one dares call him anti-democratic?
❓What right do those who reject laws made by Parliament—and threaten to overturn… pic.twitter.com/nVOu1jEgPo
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 4, 2025
उन्होंने आगे कहा,
१. हमारी लडाई निरंतर चलती रहेगी । हम संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अनुसार कंठनाद करते रहेंगे । हम किसी भी परिस्थिति में यह विधेयक वापस हो इसका प्रयास कर रहे हैं; क्योंकि इस विधेयक के विरुद्ध मुसलमानों में भारी आक्रोश है ।
२. लोग सडकों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं । यदि मुसलमानों को इस प्रकार कष्ट दिया जाएगा तो कुछ भी हो सकता है । भारत गंगा-जमुना संस्कृति का देश है । वक्फ विधेयक इस संस्कृति को हानि पहुंचाएगा ।
दारा शिकोह फाउंडेशन ने विधेयक का समर्थन किया !दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष आमिर रशीद खुलकर वक्फ विधेयक के समर्थन में आ गए हैं । उन्होंने कहा कि इस कानून से निर्धन मुसलमानों को प्रचंड लाभ होगा । निर्धन मुसलमान समुदायों के बच्चों को वक्फ परिसंपत्तियों से छात्रवृत्ति मिलेगी । विधवाओं को निवृत्ति वेतन दिया जाएगा । विद्यालय और महाविद्यालय खोले जाएंगे । अभी तक कुछ लोग ही वक्फ संपत्ति पर आधिपत्य करते रहे हैं, इस पर अंकुश लगाया जाएगा । सरकार का यह कदम सराहनीय है । |
संपादकीय भूमिकासंसद द्वारा पारित विधेयक का विरोध करने वाले मुफ्ती मोहम्मद अकबर कासमी को अब कोई लोकतंत्र विरोधी क्यों नहीं कह रहा है ? जो लोग संसद द्वारा बनाए गए विधान की अवहेलना करते हैं और उन्हें निरस्त करने की धमकी भी देते हैं, उन्हें इस देश में रहने का क्या अधिकार है ? |