प्रत्येक को १० लाख रुपये अनुदान देने का आदेश
नई दिल्ली – नागरिकों के सिर से छत बुलडोजर से नहीं हटाई जा सकती । सुप्रीम कोर्ट ने ४ वर्षों पूर्व प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में ५ लोगों के घरों को ध्वस्त करने के तरीके को संवैधानिक मूल्यों और कानून का उल्लंघन बताते हुए असंवैधानिक समझौता ठहराया था । न्यायालय ने आदेश दिया कि प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक याचिकाकर्ता को १० लाख रुपये का अनुदान दे ।
Supreme Court rules bulldozer action on 5 houses in Prayagraj, UP as unjust! 🚨
Orders ₹10 lakh compensation per house.
When the govt acts against encroachers, penalties are recovered. Now, efforts must be made to ensure strict punishment for encroachers too!
PC: @LawChakra pic.twitter.com/mu47ku5mul
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 2, 2025
प्राधिकरण ने मार्च २०२१ में प्रयागराज के लूकरगंज में एक प्रोफेसर, एक अधिवक्ता और ३ अन्य लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया था । याचिकाकर्ताओं का कहना था कि प्रशासन ने हमारे घरों को गैंगस्टर अतीक अहमद से संबंधित मानते हुए ध्वस्त कर दिया ।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस कार्रवाई को वैध ठहराया था । इसलिए याचिकाकर्ताओं ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी ।
संपादकीय भूमिकाजब सरकार अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करती है, तो सरकार उनसे कार्रवाई के लिए अर्थदंड वसूलती है । अब सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि अतिक्रमणकारियों को कडा दंड मिले ! |