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– श्री. यज्ञेश सावंत

मुंबई, १८ मार्च (संवाददाता) – नागपुर में १७ मार्च को सवेरे ११ बजे औरंगजेब की मजार हटाने की मांग को लेकर विश्व हिन्दू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया । इस आंदोलन में उन्होंने घास से बनाई गई औरंगजेब की प्रतिकात्मक मजार जलाई । उसके कारण पुलिस ने उन पर अपराध पंजीकृत किए । सायंकाल को यह अफवा फैलाई गई कि सवेरे जो प्रतिकात्मक मजार जलाई गई, उस पर लगे कपडे पर धार्मिक लेखन था । उसके उपरांत २ सहस्र से अधिक की भीड ने सडक पर उतरकर दोपहिया वाहनों, चारपहिया वाहनों, साथ ही नागरिकों के घरों को हानि पहुंचाई । पुलिसकर्मियों पर आक्रमकण कर ३ पुलिस उपायुक्तों सहित ३३ पुलिसकर्मियों को घायल किया । यह आक्रमण योजनाबद्ध था । इन दंगाईयों को हम किसी भी स्थिति में नहीं छोडेंगे, ऐसी जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री. एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में नागपुर के दंगे के विषय में सदन को अवगत कराते हुए दी ।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने आगे कहा कि अख्तर रोड पर नमाज पढकर २०० से २५० लोगों की भीड ‘जला दो’, ‘नष्ट करो’ के नारे लगाने लगी । इन हिंसक नारों के कारण पुलिस ने उन्हें तीतरबितर किया । तब कुछ लोग ‘हमें बजरंद दल के विरुद्ध पुलिस में शिकायत पंजीकृत करनी है’, ऐसा बोलकर गणेशपेठ पुलिस थाने पहुंचे । यहां उनकी शिकायत सुनी गई । उसी समय हंसापुरी क्षेत्र में २०० लोगों की भीड पथराव करने लगी । उन्होंने लाठियां तथा हथियारों का उपयोग किया । भालदापुरा में भी एक बडी भीड ने पुलिसकर्मियों पर आक्रमण किया, उसके कारण पुलिस ने वहां आंसूगैस छोडी । इसमें ३३ पुलिसकर्मी तथा ३ पुलिस उपायुक्त भी घायल हुए । इस प्रकरण में ५ अपराध पंजीकृत किए गए हैं । रात ८ बजे के उपरांत हुए इस दंगे में पेट्रोलबम फेंके गए तथा तलवारों से भी आक्रमण किया गया ।
क्या राज्य का गुप्तचर विभाग तथा गृहमंत्रालय सोए हुए हैं ? – अंबादास दानवे, नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद

राज्य का गुप्तचर विभाग तथा गृहमंत्रालय अकार्यक्षम होने के कारण पुलिस दंगे के स्थान पर समय रहते पहुंच नहीं पाई । क्या राज्य का गुप्तचर विभाग तथा गृहमंत्रालय सोए हुए हैं ?, यह प्रश्न इस प्रकरण में उठता है । कुछ सत्ताधारी मंत्री दंगा भडकाने का प्रयास कर रहे हैं । (इससे अंबादास दानवे दंगाईयों को संरक्षण दे रहे हैं, यह स्पष्ट होता है । तो इसके लिए उन पर भी कार्यवाही क्यों नहीं होनी चाहिए ? – संपादक) राज्य की कानून-व्यवस्था बिगड गई है । आनेवाले समय में दंगों को रोका जाना चाहिए । इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए ।
नागपुर की दंगासदृश्य स्थिति एक योजनाबद्ध षड्यंत्र ! – प्रवीण दरेकर, भाजपा के गुटनेता, विधान परिषद

औरंगजेब का महिमामंडन करने की बात बहुत आगे तक पहुंच गई हैं । नागपुर के दंगे में सैकडों दोपहिया वाहनों में तोडफोड की गई, भालदापुरा में अनेक दोपहिया वाहनों को नीचे गिराकर उन्हें हानि पहुंचाई गई तथा महल परिसर में अनेक चारपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया । २ चारपहिया वाहनों में १०-१० किलो के पत्थर लाकर रखे गए थे । असामाजिक तत्त्वों ने पुलिसकर्मियों को लक्ष्य बनाया । चिटणीस पार्क परिसर में पुलिस के द्वारा दंगाईयों को धर दबोचना आरंभ किए जाने पर उन्होंने ऊपर की मंजिलों से पत्थर फेंके, एक पुलिस आयुक्त कर कुल्हाडी से आक्रमण किया, अग्निशमन दल के कर्मचारियों पर भी चाकू फेंके तथा तलवारें फेंकी । भीड ने पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम पर आक्रमण किया । इसमें उनके दोनों हाथों पर घाव हुए हैं । पुलिस वहां समय रहते पहुंच गई, अन्यथा अनर्थ हुआ होता । यहां अनेक अफवाहें फैलाई गई थीं । घरों के ऊपर की मंजिलों से पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ, जो योजनाबद्ध षड्यंत्र था । कानून-व्यवस्था को बिगाडने का यह प्रयास है । इसका सूत्रधार कौन है, इसकी खोज करनी पडेगी । कल की घटना की मैं कडी निंदा करता हूं । सरकार ने इस संबंध में सदन में जानकारी दे ।
नागपुर में इससे पूर्व कभी दंगा नहीं हुआ था ! – अभिजित वंजारी, विधायक, कांग्रेस
इससे पूर्व कभी नहीं हुआ था, वह दंगा नागपुर में हुआ । दंगाईयों ने लोगों पर तथा पुलिस पर पथराव किया, साथ ही चिकित्सालय में घुसकर भी लोगों से मारपीट की । क्या असामाजिक तत्त्वों ने सांप्रदायिक दंगा कराने के लिए लाभ उठाया है ?, यह देखा जाना चाहिए ।
संपादकीय भूमिकाउत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश इन राज्यों की भांति अब महाराष्ट्र में भी दंगाईयों पर लगाम लगाने हेतु जनता ने उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की, तो उसमें आश्चर्य कैसा ! |