Iftar Party At Haridwar College : हरिद्वार (उत्तराखंड) के आयुर्वेद महाविद्यालय में मुस्लिम छात्रों ने बिना अनुमति लिए किया ‘इफ्तार‘ का आयोजन !

बजरंग दल ने ३ दिन के भीतर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी !

(‘इफ्तार‘ रमजान के समय मुसलमानों द्वारा उपवास तोडने की प्रक्रिया है)

‘इफ्तार‘ का आयोजन (बाएं) नगर दंडाधिकारी को ज्ञापन सौंपतें हुए प्रदर्शनकारी

हरिद्वार (उत्तराखंड) – यहां ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय के कुछ मुस्लिम छात्रों ने ७ मार्च को ‘इफ्तार‘ का आयोजन किया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने ८ मार्च को महाविद्यालय जाकर इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह हिन्दुओं की धार्मिक नगरी में बाहरी लोगों को लाने का षड्यंत्र है और यह इस्लामिक जिहाद है।

१. बजरंग दल के नेता अमित कुमार ने कहा कि हरिद्वार में अहिन्दुओं द्वारा ऐसा कोई भी कृत्य नगर निगम के नियमों के विरुद्ध है। यदि आगामी तीन दिन के अंदर दोषी छात्रों के विरुद्ध  कठोर  कार्रवाई नहीं की गई तो बडा आंदोलन किया जाएगा।

२. महाविद्यालय  निदेशक डी.सी. सिंह ने बताया कि कुछ छात्रों द्वारा बिना अनुमति के भोज का आयोजन  करने का आरोप हुआ था ।  चौकीदार द्वारा छात्रों को सूचित करने के उपरांत  शिक्षकों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। वह कौन था ? यह स्पष्ट नहीं है; ल किन्तु  जांच के लिए एक समिति गठित की गई है जो तीन दिन के भीतर निरीक्षण प्रतिवेदन प्रशासन को सौंपेगी।

३. दूसरी ओर, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और अंदर जाने का प्रयास किया;  किन्तु पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

४. बजरंग दल के प्रदेश संयोजक अनुज वालिया ने कहा कि इस तरह का कृत्य हिन्दुओं की भावनाओं का अपमान है और दोषियों के विरुद्ध  कठोरतम  कार्रवाई की जानी चाहिए।

५. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम नगर दंडाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा। नगर दंडाधिकारी कुश्म चौहान ने बताया कि पुलिस को जांच के मौखिक निर्देश दिए गए हैं।

६. ऋषिकुल महाविद्यालय का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यह पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय का एक प्रभाग है। इस घटना से हिन्दू संगठनों में व्यापक रोष व्याप्त है।

संपादकीय भूमिका 

  • ऐसी चेतावनी की आवश्यकता ही क्यों पडती है? महाविद्यालय प्रशासन स्वयं कार्रवाई क्यों नहीं करता ?
  • अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासन ने हिन्दू छात्रों को ‘होली मिलन’ कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। इससे छात्रों को विरोध प्रदर्शन करने पर बाध्य  होना पडा। यद्यपि यहां मुस्लिम छात्र प्रशासन से  अनुमति  न लेते हुए ही  ‘इफ्तार‘  का आयोजन करते हैं! इससे उनका अहंकार झलकता है। उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए !