धर्मपरिवर्तित पर्यटकों द्वारा उनके अपने देश में आतंकवादी गतिविधियां करने की संभावना
काबुल (अफगानिस्तान) – अभी-अभी अफगानिस्तान का भ्रमण करनेवाले विविध देश के नागरिकों द्वारा इस्लाम स्वीकारने की बात सामने आई है । विश्व के प्रमुख गुप्तचर संस्थाओं ने इस पर गंभीरता से विचार करना आरंभ किया है । इन संस्थाओं काे संदेह है कि यह किसी बडे षड्यंत्र का भाग हो सकता है ।
१. गुप्तचर संस्थाओं के मतानुसार अफगानिस्तान का भ्रमण करनेवाले अनेक पर्यटक वहां इस्लाम स्वीकार रहे हैं । इसमें आयरलैण्ड तथा जापान जैसे देशों के नागरिक भी सम्मिलित हैं ।
२. अभी-अभी अफगानिस्तान के घोर प्रांत में शाहरुख जिले के दरे तख्त गांव में तालिबान प्रशासन के अंतर्गत स्थानीय वृद्धों की उपस्थिति में आयरलैण्ड के एक युवा ईसाई पर्यटक ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया । उसका नाम अब्दुल्ला रखा गया । उसी प्रकार काबुल में एक जापानी पर्यटक ने भी इस्लाम धर्म को स्वीकारा तथा स्थानीय लोगों ने उसके लिए भोज आयोजित किया ।
चीन की चाल क्या है ?
गुप्तचर संस्थाओं को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन अपने नागरिकों को इस्लाम धर्म स्वीकारने तथा अफगानिस्तान की नागरिकता प्राप्त करवाने के पीछे एक नीति चला रहा है; परंतु अन्य देशों के लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं हुआ है । ऐसा कहा जाता है कि अफगानिस्तान में आनेवाले प्रत्येक पर्यटक को अधिकारी एवं स्थानीय लोग इस्लाम धर्म स्वीकारने हेतु आमंत्रित करते हैं ।
गुप्तचर संस्थाओं की ओर से धर्मपरिवर्तित लोगों पर रखा जाएगा ध्यान
गुप्तचर संस्थाओं काे धर्मपरिवर्तन के नाम पर कुछ बडे षडयंत्र रचे जाने का संदेह है । क्योंकि जिन नागरिकों ने इस्लाम स्वीकार किया है, वे जब अपने देश में लाैटते हैं, तब उनका उपयोग वहां के आतंकी गतिविधियों में किए जाने की संभावना है । इसीलिए इस्लाम स्वीकारनेवाले इन सभी नागरिकों पर उनके देश की गुप्तचर संस्थाओं की ओर से ध्यान रखा जाएगा । उनके देशों की सुरक्षा संस्थाएं इस बात की जांच करेंगी कि उन्होंने कौनसी परिस्थिति में इस्लाम स्वीकार किया ।