महाकुम्भ पर्व में हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के उद्देश्य से कार्यरत ‘सनातन प्रभात’ की रजत जयंती के निमित्त ‘हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात’ का लोकार्पण !

काली सेना एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में सार्वजनिक समर्पण कार्यक्रम संपन्न !

‘हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात’ का लोकार्पण करते पूज्य त्रिलोकीनाथजी,  आचार्य महामंडलेश्वर प्रकाशानंद महाराजजी, स्वामी विशालानंद महाराजजी,  शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंदस्वरूप महाराजजी एवं   आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री १००८ अवधूत बाबा अरुण गिरि महाराजजी

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से कार्यरत नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ के २५ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘सनातन प्रभात’ के मुख्य संवाददाता श्री. प्रीतम नाचणकर ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में ‘सनातन प्रभात’ के योगदान की जानकारी दी । सेक्टर ९ में शांभवी पीठ की काली सेना के शिविर में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था । इस अधिवेशन में बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के हिन्दुओं पर बढते अत्याचार; बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के कारण भारत की आंतरिक सुरक्षा को उत्पन्न संकट; काशी, मथुरासहित अन्य मंदिरों की मुक्ति की कानूनी लडाई; हिन्दू मंदिरों का सरकारीकरण; पूरे देश में उत्सवों के समय हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण; लव जिहाद, धर्मांतरण, आतंकवाद, दंगे आदि समस्याओं पर उपस्थित संत-महंतों ने विचारमंथन किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

१८ वीं शताब्दी तक भारत एक स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र तथा आर्थिक महासत्ता था । उस काल में विश्व व्यापार में भारत अग्रणी था । वर्तमान स्थिति में ‘सेक्यूलर’ शासनतंत्र के कारण हमारी क्या स्थिति है ? वर्तमान समय में अन्य पंथियों के देश में संबंधित पंथों के लोगों का प्रधानता से ध्यान रखा जाता है; परंतु भारत हिन्दूबहुल होते हुए भी हिन्दूहितों की रक्षा नहीं की जाती । इसीलिए भारत का हिन्दू राष्ट्र बनना आवश्यक है । धर्मशिक्षा, धर्मजागृति तथा हिन्दू-संगठन के द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना हिन्दू समाज एवं देश को बचाने का एकमात्र उपाय है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए हिन्दुओं को सशक्त बनाना आवश्यक है ! – महंत स्वामी कामेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज, पंचदशनाम जूना अखाडा

महंत स्वामी कामेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज

‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द ने हिन्दुओं को निष्क्रिय बना दिया है । जिस प्रकार घर बनाने के लिए अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भी विविध योगदान की आवश्यकता है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं को सशक्त बनाना आवश्यक है ।

भगवान के आशीर्वाद से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना पूर्ण होगी ! – डॉ. उमेशचंद्र शास्त्रीजी, स्वामी वामदेव ज्योतिर्मठ, वृंदावन

डॉ. उमेशचंद्र शास्त्रीजी

सभी को एकजुट होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए काम करना होगा । वर्ष २०३० तक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी । संतों द्वारा किया जा रहा हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का कार्य ईश्वर के आशीर्वाद से पूर्ण होगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु सम्पूर्ण भारत में दिग्विजय यात्रा निकाली जानी चाहिए ! – गोविंदानंद सरस्वतीजी, दंडी स्वामी, ज्योतिर्मठ

गोविंदानंद सरस्वतीजी

कोई भी कार्य वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होना चाहिए । आदि शंकराचार्यजी ने शास्त्रों के आधार पर सनातन धर्म के विषय में जागृति निर्माण की । उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की पुनर्स्थापना के लिए चार पीठों का निर्माण किया । भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिए । हिन्दू अपना धर्म भूल गए हैं । उन्हें सनातन हिन्दू धर्म का स्मरण करवाना संतों का कार्य है । हिन्दू राष्ट्र के बारे में जागरूकता बढाने के लिए पूरे भारत में ‘दिग्विजय यात्रा’ आयोजित की जानी चाहिए । संतों को इसके लिए पहल करनी चाहिए ।

संतों के नेतृत्व में पुनः हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी

काली सेना द्वारा प्रसारित हिन्दू राष्ट्र के संविधान का प्रारूप इस बात का संकेत है कि हम हिन्दू राष्ट्र की सीमा पर हैं । हम इस सीमा को पार कर हिन्दू राष्ट्र में कदम रखना चाहते हैं । सनातन धर्म पर प्रत्येक युग में आक्रमण होता रहा है । उस समय संतों ने हिन्दू राष्ट्र की रक्षा और स्थापना का बीडा उठाया था । अब संतों ने पुनः एक बार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का बीडा उठाया है । संतों के नेतृत्व में ही हिन्दू राष्ट्र की पुनर्स्थापना होगी ।

हिन्दुत्व के लिए संतों को संसद जाना होगा ! – स्वामी नामदेवदास त्यागी (कंप्यूटरबाबा)

स्वामी नामदेवदास त्यागी

संतों ने अब तक हिन्दुत्व के लिए कई आंदोलन चलाए हैं । जब तक यह संसद में पारित नहीं हो जाता, यह कानून नहीं बन सकता । यदि हम हिन्दुओं के हित में कानून बनाना चाहते हैं, तो हमें संसद में संतों की आवश्यकता है । यदि हम देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो संतों को संसद में निर्वाचित होना होगा ।

महाकुम्भ पर्व में ‘हिन्दू राष्ट्र के संविधान’ के प्रारूप का लोकार्पण !

भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु महाकुम्भ क्षेत्र में संतों की वंदनीय उपस्थिति में हिन्दू राष्ट्र के संविधान के प्रारूप का लोकार्पण किया गया । काली सेना एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में लोकार्पण का यह कार्यक्रम संपन्न हुआ ।

इस अवसर पर उपस्थित संतों ने धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर उसे संचालित करने के लिए प्रधानता देने का संकल्प लिया ।

हिन्दू राष्ट्र के संविधान में ‘हिन्दू’ केन्द्र बिन्दु होगा ! – प.पू. स्वामी आनंदस्वरूप महाराजजी, संस्थापक, काली सेना

प.पू. स्वामी आनंदस्वरूप महाराजजी

मैंने जो काम आरंभ किया है, उसे पूरा करूंगा । मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य वर्ष २०३० से पहले भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना है । स्वतंत्रता के उपरांत गुरुकुल शिक्षाप्रणाली बंद कर दी गई । संविधान विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगाता है । उत्तर प्रदेश में तीन करोड मुसलमान हैं । उनके लिए २२ सहस्र मदरसे हैं । मदरसों में मुसलमानों को इस्लाम की शिक्षा दी जा रही है । हिन्दुओं को कम से कम ८ वर्ष तक गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए । मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है । गुरुकुलों में शिक्षा मिलने से ही व्यभिचार, बलात्कार और भ्रष्टाचार रुकेगा ।

भारत के वर्तमान संविधान में १०० से अधिक परिवर्तन किए गए हैं; परंतु क्या भगवद्गीता को कभी संशोधित किया गया है ? वर्तमान संविधान में हिन्दुओं को गौण माना गया है । हिन्दू राष्ट्र के संविधान का केन्द्रबिंदु हिन्दू होंगे । धर्मांतरित लोगों को मत देने का अधिकार नहीं होगा । हिन्दू राष्ट्र के संविधान में किसी भी धर्म का विरोध नहीं होगा । हिन्दू राष्ट्र का संविधान रामराज्य का स्वरूप होगा ।