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नई दिल्ली – १५ जनवरी की देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने की होड़ में भगदड़ मच गई । १८ यात्री दम घुटने से मर गये, जबकि २० से अधिक घायल हो गये । अधिकारियों के अनुसार प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में जाने वाले यात्रियों के कारण प्लेटफार्म १४ और १५ पर भीड़ लग गई थी । मगध एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफॉर्म नंबर १४ पर खड़ी थी, जबकि उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफॉर्म नंबर १५ पर खड़ी थी । प्रयागराज की ओर जाने वाली दो ट्रेनें देरी से चल रही थीं, इसलिए यात्री प्लेटफॉर्म पर प्रतीक्षा कर रहे थे । जैसे ही विशेष ट्रेन की घोषणा हुई, यात्रियों की भीड उस ओर दौड पड़ी । दिल्ली पुलिस तथा रेलवे प्रशासन इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं ।
🚨 Stampede at New Delhi Railway Station After Mahakumbh Special Train Announcement 🚨
⚠️ 18 Dead, 20+ Injured
Given the frequent occurrences of stampedes, along with investigating whether there is a deeper conspiracy behind this, it is also necessary to hold the Indian… pic.twitter.com/a9mpnyT7be
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 16, 2025
भगदड से पहले की स्थिति कुछ ऐसी है…!
१. यात्री महाकुंभ क्षेत्र के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
२. प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं । व्याकुल श्रद्धालु प्लेटफार्म नंबर १४ और १५ पर प्रतीक्षा करते रहे थे ।
३. अचानक रेलवे प्रशासन ने नई दिल्ली से प्रयागराज के लिए एक विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी । जैसे ही घोषणा हुई, प्लेटफार्म १४ से १६ तक यात्री दौड़ने लगे । इससे भगदड़ मच गई ।
४. लोग वहां पहले पहुंचने के लिए एक-दूसरे को कुचल कर जा रहे थे । कई लोग प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों और रेल की पटरियों पर भी गिर गए ।
पुलिस अधिकारियों के बयान !
रेलवे पुलिस उपायुक्त के.पी.एस. मल्होत्रा ने बताया कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों की प्रतीक्षा में रेलवे स्टेशन पर लगभग ८ से १० सहस्त्र यात्री थे । उस समय एक नई ट्रेन की घोषणा की गई थी । उस ट्रेन पर चढ़ने के लिए पहले से ही ६ सहस्त्र यात्री प्रतीक्षा कर रहे थे । ऐसे में प्लेटफार्म पर क्षमता से अधिक लोग जमा हो गए । यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना १५-२० मिनट के भीतर घटित हुई ।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर स्थिति दोपहर ३ बजे से बिगडने लगी थी । भीड़ में लोग आगे अथवा पीछे भी नहीं जा सकते थे । ऐसे में उन्हें ट्रेन छूटने का भी भय सता रहा था । भगदड का यह भी एक कारण था ।
प्रत्यक्षदर्शी का मत !
घटनास्थल पर उपस्थित लोगों ने बताया कि भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और रेलवे प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी । केवल कुछ पुलिसकर्मी ही दिखाई दे रहे थे । ऐसी स्थिति में लोग अपने मनानुसार सब कर रहे थे । यदि प्लेटफॉर्म पर पर्याप्त पुलिस होती तो शायद यह दुर्घटना टाली जा सकती थी ।
संपादकीय भूमिका
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