महाकुम्भ पर्व के हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में संत-महंतों एवं हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा रखे गए उद्बोधक विचार

भारत को संवैधानिक दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र घोषित करना आवश्यक ! – श्रीमद जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी, पीठाधीश्वर, श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ

श्रीमद जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी

भारत संविधान से चल रहा है; इसलिए भारत को संवैधानिक दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए । इस देश में आज भी अनेक लोग पाकिस्तान के पक्षधर हैं । क्रिकेट में पाकिस्तान के जीतने पर जो लोग पटाखे जलाते हैं तथा जो लोग हिन्दू राष्ट्र को संविधान विरोधी बोलते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि भारत का संविधान हिन्दुओं के कारण ही सुरक्षित है । ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की घोषणा हिन्दुओं के लिए ही है । वर्तमान स्थिति में असंख्य हिन्दू  पाश्चात्यों का अनुकरण कर रहे हैं । हिन्दुओं को धर्म को समझना चाहिए और उसके अनुसार आचरण करना चाहिए । चीटियां भले ही छोटी हों, तब भी वे एकत्रित होकर बडे अजगर को भी मार सकती हैं । हिन्दू बंट जाने से ही संकट में पडे हैं । धर्म की रक्षा के लिए हिन्दुओं को संगठित होने की आवश्यकता है ।

इसपर संगठित कार्य करने का निश्चय !

बांग्लादेश एवं पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार, बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण भारत की आंतरिक सुरक्षा पर उत्पन्न संकट, काशी एवं मथुरा सहित अन्य मंदिरों की मुक्ति के लिए कानूनी लडाई; हिन्दू समाज, संगठन तथा संतों को एकत्रित कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रयास करना, इन विषयों पर संत-महंतों, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधियों, धर्मप्रेमियों तथा विचारकों ने अपने विचार रखे । समय की मांग को ध्यान में लेकर सभी ने उक्त सूत्रों के संदर्भ में एकत्रित कार्य करना सुनिश्चित किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु ‘फेक नैरेटिव’ पर लगाम लगाना आवश्यक है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

किसी भी प्रत्यक्ष युद्ध से पूर्व बौद्धिक युद्ध की आवश्यकता होती है । महाभारत के युद्ध के समय अर्जुन को शस्त्रों का त्याग करने का जो भ्रम उत्पन्न हुआ, उसी को ‘फेक नैरेटिव’ (झूठी कहानी) कहते हैं । अर्जुन को इस ‘फेक नैरेटिव’ से बाहर निकालने हेतु भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया । वर्तमान समय में भी हिन्दू राष्ट्रविरोधी ‘फेक नैरेटिव’ फैलाकर हिन्दुओं को भ्रमित किया जा रहा है । इसलिए हम हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का महत्त्व समझ लें, तभी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की जा सकेगी ।

हमें धर्माधिष्ठित राजतंत्र सहित हिन्दू राष्ट्र चाहिए ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

राजधर्म हिन्दू राष्ट्र का एक अंग है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए धर्मपरायण एवं चरित्रसंपन्न समाज की निर्मिति भी आवश्यक है । सनातन परंपरा में हिन्दू राज्य एवं राष्ट्र एकत्रित होते हैं । जहां राजा होता है, वहां राजगुरु, राजदंड एवं धर्मदंड होता है । परंपरा के अनुसार जब हम भारत को हिन्दू राष्ट्र कहते हैं, उस समय उसका इसके अनुसार होना अपेक्षित है । अंग्रेजों ने भारत पर राज करने हेतु ईसाई एवं यूरोपीय पद्धति के अनुसार राज्य एवं राष्ट्र की संकल्पना को अलग किया । अंग्रेजों ने राजतंत्र से धर्म को अलग किया । हम भले ही पारंपरिक दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र हैं, तब भी संविधान के अनुसार तथा धर्माधिष्ठित राजतंत्र सहित हमें हिन्दू राष्ट्र चाहिए । संविधान से ‘सेक्युलर’ शब्द को हटाकर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए, साथ ही जनसंख्या नियंत्रण, धर्मांतरणबंदी, गोहत्याबंदी कानून लागू किए जाएं तथा संविधान के द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए लागू किए गए विशेष प्रावधानों को निरस्त किया जाए, यह हमारी केंद्र सरकार से अपेक्षा है ।

नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु भारत सहायता करे ! – शंकर खराल, विश्व हिन्दू महासंघ, नेपाल

शंकर खराल

जो बायडेन राष्ट्रपति थे, तब अमेरिका के हस्तक्षेप के कारण बांग्लादेश में सत्तापरिवर्तन हुआ । भारत के नागालैंड, बंगाल जैसे राज्यों में हिन्दुओं का बडे स्तर पर धर्मांतरण हो रहा है । नेपाल में भी यही स्थिति है । नेपाल बांग्लादेशी तथा रोहिंग्याओं की घुसपैठ से ग्रस्त है । इसलिए नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाना आवश्यक है तथा उसके लिए भारत की सहायता आवश्यक है ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हमें दृढ निश्चय करना पडेगा ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

शताब्दियों से हमारी तेजस्वी हिन्दू संस्कृति पर आक्रमण हुए हैं, जिसके कारण हिन्दू समाज त्रस्त है । हमारे धर्म पर आए संकटों का निवारण हमें ही करना पडेगा । उत्तर प्रदेश के संभल में हिन्दुओं के मंदिर नष्ट किए गए । इस प्रकार से यदि हमारी सांस्कृतिक परंपराएं नष्ट की गईं, तो हमारा अस्तित्व ही शेष नहीं रहेगा । गोहत्या, लव जिहाद, लैंड जिहाद, वक्फ बोर्ड आदि धर्म पर मंडरा रहे संकटों का निवारण हिन्दुओं को ही करना पडेगा । हम हिन्दू युवतियों तथा हिन्दू मंदिरों को अपमानित नहीं होने देंगे । इसके लिए ही हिन्दू राष्ट्र आवश्यक है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हमें दृढ निश्चय करना पडेगा । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में ही हिन्दुओं का भविष्य सुरक्षित है । जहां हिन्दुओं की परंपराओं का सम्मान किया जाएगा, ऐसे हिन्दू राष्ट्र की हमें स्थापना करनी है । हिन्दू धर्म के पुनरुज्जीवन के लिए भारत में संवैधानिक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना आवश्यक है । इसके लिए हमारे संयुक्त प्रयास तथा हमारी अटूट वचनबद्धता आवश्यक है । संवैधानिक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना हमारा अंतिम लक्ष्य है । संवैधानिक संशोधन के माध्यम से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करना वैचारिक आंदोलन है । हिन्दू राष्ट्र के कारण संपूर्ण मानवजाति का हित संजोया जाएगा ।

हिन्दू जातियों में न बंटकर हिन्दू के रूप में संगठित हों ! – श्रीमहंत वासुदेवानंदगिरीजी महाराज 

श्रीमहंत वासुदेवानंदगिरीजी महाराज

वर्तमान में हिन्दू समाज जातिवाद, प्रांतवाद, भाषावाद, वंशवाद आदि में संलिप्त हैं । उसके कारण वे बंट गए हैं । इसे टालने के लिए हिन्दू के रूप में संगठित हों । ‘संघे शक्ति कलौयुगे’ (कलियुग में संगठित रहने में ही उनका हित है), यह हिन्दू ध्यान में रखें ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोना आवश्यक ! – जुगलकिशोर तिवारी, संस्थापक, ब्राह्मण एकता परिषद

जुगलकिशोर तिवारी

सनातन धर्म कभी भी नष्ट नहीं होगा, यह भ्रम फैलाया जा रहा है; परंतु हिन्दू नष्ट हो रहे हैं, यह वास्तविकता है । हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना ईश्वरीय कार्य है तथा वह संपन्न होने ही वाला है; परंतु उसके लिए हिन्दुओं का शेष रहना आवश्यक है । हिन्दू स्वयं की पहचान छिपा रहे हैं । हिन्दुओं ने स्वयं के धर्म की उपेक्षा की, तो विश्व भी हिन्दुओं की उपेक्षा करेगा । केवल गंगास्नान कर हिन्दू धर्म की रक्षा नहीं होगी; अपितु गंगा माता की अर्थात भारत की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा की, तभी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना संभव है ।

हिन्दू जब तक धर्म के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक हिन्दुत्व संकट में है !  – आनंददास भैयाजी महाराज

आनंददास भैयाजी महाराज

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं को पहले स्वयं की व्यवस्था बनानी पडेगी । धर्म की रक्षा के लिए हिन्दुओं को पहले धर्म को धारण करना होगा । जब तक हिन्दू धर्म के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक हिन्दू बंटते जाएंगे । हिन्दुओं की हत्याएं नहीं रुकेंगी । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं को संगठित होने की आवश्यता है ।

हिन्दुओं पर हो रहे आघातों के विषय में निरंतर आवाज उठानेवाला एकमात्र ‘सनातन प्रभात’ ! – नीलेश कुलकर्णी, उपसंपादक, सनातन प्रभात

नीलेश कुलकर्णी

हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के महाकुम्भ पर्व विशेषांक का लोकार्पण होने के उपरांत ‘सनातन प्रभात’ के उपसंपादक श्री. नीलेश कुलकर्णी ने कहा, ‘‘२५ वर्ष पूर्व जहां ‘हिन्दू’ अथवा ‘सनातन’ शब्द का उच्चारण करना भी मानो अपराध माना जाता था, तब से लेकर अर्थात २५ वर्ष से भी अधिक काल से (वर्ष १९९८ से) हम ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक प्रकाशित कर रहे हैं । तब से हम हिन्दू राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध हैं । केवल ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से ही हिन्दुओं पर हो रहे लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण आदि आघातों के विरुद्ध निरंतर आवाज उठाई जाती है । संतों के आशीर्वाद से चल रहा ‘सनातन प्रभात’ एकमात्र प्रसिद्धिमाध्यम है । अतः सभी हिन्दू ‘सनातन प्रभात’ के सदस्य बनकर इस धर्मकार्य में योगदान दें ।’’

महाकुम्भ पर्व में हिन्दू राष्ट्र के फलक हटाए जाना दुर्भाग्यपूर्ण ! – प.पू. भगीरथी महाराज, वि.हिं.प.

प.पू. भगीरथी महाराज

महाकुम्भ पर्व में प्रशासन ने हिन्दू जनजागृति समिति के फलक हटाए । यह कृति अनुचित है । यह श्रीराम एवं श्रीकृष्ण की भूमि है । उसके कारण भारत हिन्दू राष्ट्र बननेवाला है, यह निर्विवाद है । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति को कोई कष्ट न दें; क्योंकि इन संस्थाओं को संतों के आशीर्वाद प्राप्त हैं तथा संतों के आशीर्वाद से उनका कार्य चल रहा है ।

भारत में गुरुकुलों की स्थापना हो ! – डॉ. मुरलीधर दास, इस्कॉन

डॉ. मुरलीधर दास

हमारा आहार सात्त्विक होना चाहिए, तभी हमारे विचार सात्त्विक बनेंगे । इसके साथ ही भारत में गुरुकुलों की स्थापना हो, जिससे हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा मिलेगी तथा उससे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा ।

बांग्लादेश के हिन्दुओं को भारत की सहायता की आवश्यकता ! – परिमलकुमार राय, बांगलादेश

परिमलकुमार राय

१ वर्ष पूर्व बांग्लादेश में हिन्दुओं के १ लाख घर जलाए गए तथा अल्पायु लडकियों पर अत्याचार किए गए । बांग्लादेश के हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार किए गए । वर्तमान स्थिति में बांग्लादेश के हिन्दुओं को भारत की सहायता की आवश्यकता है ।

ब्रह्मचारी शंकर चैतन्य महाराजजी, धर्मसंघ पीठाधीश्वर, दुर्गाकुंड, वाराणसी ने की हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा !

ब्रह्मचारी शंकर चैतन्य महाराजजी

‘‘हिन्दू जनजागृति समिति के अनेक कार्यकर्ता डॉक्टर, अभियंता आदि उच्चशिक्षा प्राप्त हैं । ये सभी समर्पित होकर धर्मकार्य कर रहे हैं । उनका त्याग ध्यान में रखकर प्रत्येक हिन्दू थोडासा तो समय धर्मकार्य के लिए दे ।’’ इन शब्दों में ब्रह्मचारी शंकर चैतन्य महाराजजी ने समिति के कार्य की प्रशंसा की ।

वंदनीय एवं महनीय उपस्थिति !

‘अखिल भारतीय धर्मसंघ’ एवं ‘हिन्दू जनजागृति समिति’की ओर से आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’में स्वामी गंगासागर परमहंस, अखिल भारतीय संत समिति के महाराष्ट्र के महामंत्री भारतानंद सरस्वतीजी महाराज, स्वामी रमेशानंद सरस्वती, महंत स्वामी वासुदेवानंद गिरि महाराज (कैलास आश्रम, अमरावती), संत सुखदेव महाराज, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ते श्री. चेतन राजहंस, हिन्दू जनजागृति समिति के संगठक श्री. सुनील घनवट आदि मान्यवर उपस्थित थे ।