
स्वामी शारदानंद ने कहा, ‘‘महाकुम्भ पर्व में लगाई सनातन संस्था की प्रदर्शनी हिन्दू संस्कृति का जीवनदर्शन है । समाज के धर्म से दूर जाने से किसी को भी सुख, शांति, समृद्धि, संतोष तथा आनंद नहीं मिलता । हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न मिलने के कारण समाज दिशाहीन बन गया है । धर्म अत्यंत पवित्र है । समाज को वेदों एवं उपनिषदों का ज्ञान देना आवश्यक है । गुरुकुल शिक्षापद्धति अपनाई गई, तभी धर्माचरणी पीढी तैयार हो सकेगी । मनुष्य को भगवान बनने के लिए सनातन की प्रदर्शनी देखनी चाहिए । सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी में इसका संपूर्ण ज्ञान उपलब्ध है, यह देखकर मैैं आनंदित हूं । सनातन संस्था का यह कार्य प्रशंसनीय है । भारत के टुकडे होकर दो इस्लामी देश बने; परंतु १०० करोड हिन्दुओं के लिए हिन्दू राष्ट्र नहीं बना, इसका बहुत दुख है । अतः हिन्दुओं की सुरक्षा हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही हमारा लक्ष्य है ।’’