Kolkata Law College TMC Oppose Saraswati Pooja : विद्यार्थियों को पूजा के लिए सुरक्षा दी जाए – कोलकाता उच्च न्यायालय का आदेश

विधि महाविद्यालय में श्री सरस्वती देवी की पूजा का तृणमूल कांग्रेस के मुसलमान नेता के विरोध करने का मामला ।

कोलकाता (बंगाल ) – जोगेश चंद्र विधि महाविद्यालय में श्री सरस्वती देवी की पूजा के समय सुरक्षा प्रदान करने का आदेश कोलकाता उच्च न्यायालय ने पुलिस को दिया है । न्यायालय ने कहा कि “कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयुक्त आयुक्त स्तर का अधिकारी स्थिति पर दृष्टि रखेगा ।” विद्यार्थियों ने शिकायत की थी, कि बाहरी लोग उन्हें धमका रहे हैं और पूजा की तैयारी में बाधा डाल रहे हैं ।

उच्च न्यायालय के आदेश –

१. कोलकाता उच्च न्यायालय ने कहा कि “हमें राज्य और महाविद्यालय प्रशासन को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका प्राप्त हुई है । जोगेश चंद्र चौधरी महाविद्यालय और विधि महाविद्यालय को पर्याप्त सुरक्षा की आवश्यकता है । श्री सरस्वती देवी की पूजा रोकने का प्रयास किया जा रहा है । ऐसे में बाहरी व्यक्ति महाविद्यालय परिसर में बलपूर्वक प्रवेश नहीं कर सकते । पूजा के लिए परिसर में स्वतंत्र प्रवेश की अनुमति दी जाए और बाहरी हस्तक्षेप बंद किया जाए ।”

२.  तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा ) के महासचिव मोहम्मद शब्बीर अली पर धमकी देने और पूजा रोकने के प्रयास का आरोप है । छात्रों को पूजा आयोजित करने पर बलात्कार और हत्या की धमकियां भी दी गईं । अब उच्च न्यायालय के आदेश से छात्रों को राहत मिली है, और कहा है कि उन्हें अपने धार्मिक कार्य करने का अधिकार है ।

३.  बंगाल विधान सभा के अध्यक्ष बिमन बनर्जी ने कहा था कि “पिछले वर्ष के जोगेश चंद्र विधि महाविद्यालय में पूजा की अनुमति दी जाए और रोकने का प्रयासों करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ।”

४.  एक छात्र ने कहा, ये बाहरी लोग पैसा वसूलने के लिए महाविद्यालय आते हैं । वे चाहते हैं कि हम श्री सरस्वती देवी की पूजा न करें । उन्होंने हमें गालियां दीं और मारपीट की । उन्होंने बलात्कार की धमकी भी दी ।”

५.  एक अन्य छात्र ने कहा, “हमें पूजा करने का अधिकार है, हमें क्यों रोका जा रहा है ? हमें धमकी दी गई कि अगर हमने पूजा की तो अनवर शाह मार्ग से गुजरते हुए हमें मार दिया जाएगा । ये लोग यहां पैसा वसूलने आते हैं ।”

६. प्राचार्य पंकज रॉय ने कहा , ” पिछले वर्ष महाविद्यालय में प्रवेश के समय मुझे परेशानी हुई थी । मेरे ४० वर्षों के कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं देखा । तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने पहले यह अफवाह फैलायी थी कि महाविद्यालय प्रशासन ने पूजा की अनुमति नहीं दी है । इस मामले को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार को पत्र भेजा गया है ।” (यदि प्राचार्य भी असहाय हैं, तो क्या बंगाल में कानून – व्यवस्था है ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • तृणमूल कांग्रेस के राज्य में हिन्दू विद्यार्थियों को श्री सरस्वती देवी की पूजा करने की अनुमति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लेना पड़ता है । यह ममता बनर्जी सरकार और उन्हें चुनने वाले हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है ।
  • इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन चुका है। बंगाल के हिन्दू इसके खिलाफ कब जागेंगे ?