इंदौर (मध्य प्रदेश) – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ ने शहर के ‘यशवंत निवास रोड’ पर स्थित एक मंदिर हटाने की मांग करनेवाली जनहित याचिका का अस्वीकार कर अपने आदेश का पुनः ब्योरा लेना अस्वीकार कर दिया । साथ ही उच्च न्यायालय ने वादी को २५ सहस्र रुपयों का दंड भी सुनाया है । न्यायालय ने कहा है कि पत्रकार होने का दावा करनेवाले वादी ने अपनी पुनर्विचार याचिका में यह मंदिर हटाना सार्वजनिक हित में कैसे हैं, यह बात उजागर नहीं की । यह याचिका प्रविष्ट करने में इस याचिकाकर्ता का कुछ स्वार्थ है, ऐसा दिखाई देता है ।
१. न्यायमूर्ति विवेक रुशिया एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र सिंह ने कहा ‘याचिकाकर्ता ‘यशवंत निवास रोड’ के क्षेत्र का निवासी भी नहीं है । उसने यह मंदिर क्यों हटाना चाहिए, यह स्पष्ट नहीं किया है ।’
२. उच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिका अस्वीकार करते हुए वादी को दंड के रूप में २५ सहस्र रुपए कानूनी सहायता सेवा प्राधिकरण, इंदौर के खाते में जमा करने का आदेश दिया है ।
संपादकीय भूमिका
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