गढ, दुर्गों पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन ! – आशीष शेलार, सांस्कृतिक कार्य मंत्री

सांस्कृतिक कार्य मंत्री अधिवक्ता आशीष शेलार

मुंबई – गढ-दुर्गों पर अतिक्रमण हटाने और नए अतिक्रमण न होने देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है । यह जानकारी राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री अधिवक्ता आशीष शेलार ने पत्रकारों से बात करते हुए दी ।

१. महाराष्ट्र राज्य में वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत कुल ४७ केंद्र संरक्षित गढ़ हैं, जबकि पुरातत्व और वस्तुसंग्रहालय संचालनालय के अंतर्गत ६२ राज्य संरक्षित गढ हैं ।

२. केंद्र और राज्य संरक्षित गढ़ों के संरक्षण और संवर्धन के लिए तथा इस सांस्कृतिक धरोहर को अच्छी स्थिति में बनाए रखने के लिए इन पर अतिक्रमण न हो, इस दिशा में सतर्कता रखना आवश्यक है ।

३. केंद्र और राज्य संरक्षित गढ़ों और लगभग ३०० असंरक्षित गढ़ों पर अतिक्रमण होने की जानकारी शासन को मिली है। इसके कारण कानून-व्यवस्था का संकट होने और इन स्थलों की सुंदरता को हानि पहुंचने की संभावना है । इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्यवाही के निर्देश दिए थे । इसके अनुसार, जिला स्तर पर केंद्र और राज्य संरक्षित और असंरक्षित गढ़ों पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है ।

४. इस समिति में पुलिस आयुक्त, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, महानगरपालिका आयुक्त, मुख्याधिकारी, नगरपरिषद, नगरपालिका, नगरपंचायत, वन क्षेत्र होने पर संबंधित उप वनसंरक्षक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार), पुरातत्व सहायक संचालक विभागीय कार्यालय महाराष्ट्र राज्य पुरातत्व और वस्तुसंग्रहालय संचालनालय, प्रादेशिक बंदरगाह अधिकारी महाराष्ट्र सागरी मंडल, और निवासी उप जिलाधिकारी सम्मिलित होंगे ।

समिति का कार्यक्षेत्र

१. गठित समिति ३१ जनवरी २०२५ तक समीक्षा कर यह निश्चित करेगी कि किन-किन गढ़-दुर्गों पर अतिक्रमण है । इन गढ़ों की सूची तैयार की जाएगी और इसे तत्काल शासन को प्रस्तुत किया जाएगा ।

२. १ फरवरी से ३१ मई २०२५ तक समयबद्ध रूप से अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जाएगा । इस संबंध में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी । सभी अतिक्रमण हटाए जाने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में वहां दोबारा अतिक्रमण न हो । समिति हर महीने बैठक कर अपनी प्रगति रिपोर्ट शासन को सौंपेगी ।