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(मौलाना अर्थात इस्लाम का अभ्यासक)
(मुफ्ती अर्थात शरीयत कानून के अनुसार न्याय करनेवाला)
बरेली (उत्तर प्रदेश) – बरेली नगर की पगडंडियों के खंभों पर त्रिशूल लगाने से अप्रसन्न हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रिजवी ने ‘महापालिका केवल एक धर्म का समर्थन कर रही है’, ऐसा आरोप लगाया है । रिजवी ने ‘त्रिशुल के बगल में हरा ध्वज लगाएंगे’ ऐसी चेतावनी भी दी है ।
मौलाना बरेलवी द्वारा दिए गए निवेदन में कहा गया है कि,
१. महानगरपालिका सुशोभीकरण का अच्छा कार्य कर रही है; परंतु विद्युत् खंभे, मार्ग दुभाजक (डिवाइडर) आदि पर त्रिशूल बिठा कर धर्मविशेष का प्रचार तथा प्रसार कर नगर की प्रतिमा मलिन की जा रही है । (त्रिशूल लगाने से नगर की प्रतिमा मलिन कैसे होती है ? हिन्दुओं के धार्मिक चिन्ह के विषय में इस प्रकार का वक्तव्य करने को लेकर उनके विरूद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत करने का अपराध प्रविष्ट कर उन्हें कारागृह में डालना चाहिए ! – संपादक) यदि अन्य धर्म पहचानने हेतु त्रिशुल के साथ कुछ चीजें जोड दी गईं तो मुसलमानों कोआपत्ति नहीं रहेगी । सरकारी संपत्ति पर केवल एक ही धर्म की पहचान लादने से प्रत्येक व्यक्ति को आपत्ति होगी ।
२. अपना देश ‘लोकतांत्रिक देश है’, यह किसी भी धर्म विशेष के अनुयायी का देश नहीं है । (हिन्दुओं के धर्म के अनुसार सरकार ने कुछ भी किया, तो मुसलमानाें को भारत ‘धर्मनिरपेक्ष देश’ होने का स्मरण होता है; परंतु स्वयं के धर्म के लिए विविध मांगें करते समय उन्हें इस बात का स्मरण क्यों नहीं होता? – संपादक) राज्य का संविधान सभी धर्मों को सम्मान देने की बात कहता है । (इसीलिए देश में समान नागरिक कानून लाना चाहिए, मौलाना को अब यह स्वीकार करना चाहिए ! – संपादक) यदि महापालिका ने केवल एक धर्म का समर्थन किया तो सभी लोग आहत होंगे । (गत ८ दशकों से भारत में एक ही धर्म का समर्थन हो रहा है, इसलिए हिन्दुओं के मन आहत हो रहे थे, क्या मौलाना को यह दिखाई नहीं देता ? – संपादक) चाहे महापालिका हो अथवा अन्य कोई भी सरकारी संपत्ति, उस पर सभी धर्म के अनुयायियों का अधिकार है । (सुविधा के अनुसार सूत्र का स्मरण करनेवाले मुसलमान धर्मगुरु ! – संपादक)
Maulana Mufti Shahabuddin Razvi, National President of All India Muslim Jamaat, objects to Tridents (Trishul) installed on streetlights by the Municipal Corporation in Bareilly (Uttar Pradesh)
Issues a warning to install a green flag above the tridents.
The fact that Mu$l!ms… pic.twitter.com/dsAPyuWK9b
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 16, 2024
३. मुसलमान महानगरपालिका के महापौर डॉ. उमेश गायतम को चाहते हैं । वे भाजपा के पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें मुसलमान भी मत प्रदान करते हैं । उनको पक्षपात की मानसिकता नहीं रखनी चाहिए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ घोषणा के अनुसार आचरण करना चाहिए । यदि धर्मविशेष के प्रचार का सूत्र होगा, तो अन्य धर्म के अनुयायी का डॉ. उमेश गायतम पर से विश्वास उठ जाएगा ( यदि कोई एक मुसलमान उच्च पद पर पहुंचा, तो वह प्रथम स्वयं का धर्म तथा धर्मबंधुओं का ही विचार करता है, इस विषय मेंं मौलाना क्यों नहीं बोलते ? – संपादक)
संपादकीय भूमिका
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