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मुंबई – दीपावली के आगमन से पूर्व, निजी यात्री बस चालकों द्वारा फिर से टिकट दरों में वृद्धि कर यात्रियों को लूटा जा रहा है। आम जनता में यह धारणा बन गई है कि ‘छुट्टियों और त्योहारों के दौरान यात्रा के लिए अधिक टिकट दर भरना ही पड़ेगा।’ वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर यात्री बसों के टिकट दरों को तय किया था; लेकिन 6 वर्ष बीतने के पश्चात भी स्थिति पूर्ववत ही है।
The ticket fares of private buses skyrocket as Diwali approaches.
▫️Customer care contact numbers tend to remain unreachable.
▫️ When will the private bus corporations stop looting the passengers? – @SurajyaCampaign questions the @MMVD_RTO
👉 The Government is expected to… pic.twitter.com/chvRu7lhvo
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 15, 2024
आदेश में अधिक टिकट दर वसूलने वाले निजी बस चालकों के विरुद्ध शिकायत करने के लिए (०२२) ६२४२६६६६ और १८००२२०११० ये दो संपर्क क्रमांक प्रदत्त किए गए थे, जो अब बंद ही हैं। ये क्रमांक बंद क्यों हैं? ऐसा होना यात्रियों के लिए ‘मुँह बंद कर पीटने’ जैसा है। यह यात्रियों की लूट कब रुकेगी? ऐसा सवाल हिंदू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ के महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री अभिषेक मुरकटे ने किया। इस संदर्भ में उन्होंने महाराष्ट्र राज्य परिवहन आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।
#Maharashtra | #MaharashtraElections
🚨With Diwali approaching, fares hiked; Helpline numbers to complain not working !
⁉️When will the exploitation of passengers stop? @SurajyaCampaign questions the government !
📜Surajya Abhiyan submitted a memorandum to @MMVD_RTO and… pic.twitter.com/6tIQWrKlYL
— Surajya Abhiyan (@SurajyaCampaign) October 15, 2024
ज्ञापन में कहा गया है कि….
१. कुछ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ने शिकायत करने के लिए ‘व्हॉट्सएप हेल्पलाइन’ क्रमांक घोषित किए हैं। यदि आयुक्त कार्यालय ने ऐसा करने के लिए आदेश जारी किए हैं तो अन्य क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ने ऐसे क्रमांक क्यों नहीं घोषित किए?
२. जब हम परिवहन अधिकारियों से मिले और ‘अधिक टिकट दर वसूलने वाले निजी बस चालकों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की,’ ऐसा पूछा, तब उन्होंने कहा, ‘हमारे पास शिकायतें ही नहीं आईं।’ अगर शिकायत के लिए दिए गए क्रमांक बंद हैं, तो शिकायतें कैसे आएंगी? ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही इन संपर्क क्रमांकों को तत्काल आरंभ कर २४ घंटे उपलब्ध रखना चाहिए।
३. ‘ऐप’ और ‘वेब-आधारित ऐग्रीगेटर्स’ पर भी नियंत्रण लाने के उद्देश्य से ‘महाराष्ट्र रेगुलेशन ऑफ ऐग्रीगेटर रूल्स २०२२’ तैयार करने के लिए ५ अप्रैल, २०२३ को एक समिति स्थापित की गई थी; लेकिन अब तक समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। यह रिपोर्ट कब प्रस्तुत की जाएगी और इसका कार्य कब शुरू होगा? इस विलंब का यात्रियों पर कितना प्रभाव पड़ रहा होगा? इसका विचार सरकार कब करेगी?
४. ‘सुराज्य अभियान’ ने पहले भी कई बार परिवहन विभाग और राज्य सरकार के पास पत्र, ई-मेल और ट्विटर के माध्यम से, साथ ही व्यक्तिगत रूप से मिलकर संवाद किया है; परंतु आज एक लंबे अंतराल के पश्चात भी प्रश्न अनुत्तरित ही हैं तथा यात्रियों की लूट पूर्ववत जारी है ।
संपादकीय भूमिकाजो निजी बस मालिक यात्रियों से टिकट दरों में वृद्धि कर लूट रहे हैं, उनके विरुद्ध सरकार को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ! |