‘Allahu Akbar’ In RSS Dussehra Procession : रा. स्व. संघ के संचालन के समय मुसलमानों द्वारा “अल्लाहु अकबर” का उद्घोष !

 

  • हिन्दुओं ने मुसलमानों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की

  • कहा जाता है कि थाने पर रात भर रुके सैकड़ों हिन्दुओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया था ।

  • इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या इस घटना के पीछे विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के उन गुटों का कोई षडयंत्र है जो मुसलमानों को लक्ष्य बना रहे हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकवादी संगठन बता रहे हैं !

(अल्लाहु अकबर अर्थात अल्लाह महान है)

रत्नागिरी – विजयादशमी की पूर्व संध्या पर यहां के कोकणनगर क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालन के समय मुसलमानों ने ‘अल्लाहु अकबर’ की घोषणाएं दीं । इसके चलते यहां के हिन्दुओं ने ‘हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाने वालों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई’ की मांग को लेकर पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किय । इसके पश्चात देर रात इस प्रकरण में अपराध प्रविष्ट करने की कार्रवाई आरंभ हुई । इस प्रकरण में पुलिस ने १२ अक्टूबर की सुबह ४ लोगों को बंदी बनाया था ।

हिन्दुओं द्वारा आंदोलन के माध्यम से की गई मांग के उपरांत जिला पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक जयश्री गायकवाड, पुलिस उपविभागीय अधिकारी नीलेश मैनकर ने घटना को गंभीरता से लिया।

१. प्रत्येक वर्ष के समान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उचित प्रशासनिक अनुमति के साथ शुक्रवार, ११ अक्टूबर को शाम ७ बजे सघोष संचालन आरंभ किया । यह कोकणनगर, मारुति मंदिर, मालनाका मार्ग से होकर रा. भा. शिर्के प्रशाला पर समाप्त होने वाला था ।

२. पुलिस सुरक्षा में अत्यंत अनुशासित ढंग से चलाया गया यह आंदोलन जब कोकणनगर पहुंचा तो मुसलमानों ने एकत्रित होकर ‘नारा-ए-तकबीर’ (अल्लाह सबसे महान है) अल्लाहू अक़बर जैसे ऊंचे नारे लगाकर इस आंदोलन को रोकने का प्रयास किया ।’

३. जब मुसलमान संचालन के रास्ते में आये तो पुलिस ने पहले उन्हें रोका और पीछे धकेल दिया ।

४. फिर स्वयंसेवकों ने संचालन पूरा किया और शिर्के प्रशाला में विजयादशमी का कार्यक्रम पूरा किया । यहीं से स्वयंसेवक, सकल हिंदू समाज तथा दुनिया भर से सैकड़ों हिन्दू एकत्रित हुए और रात ९.३० बजे सिटी पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया ।

५. भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सावंत, सांसद प्रवीण जोशी समेत संघ के कई नेता देर रात तक नगर थाने में बैठे थे । इस समय, हिन्दुओं ने पुलिस को सूचित किया कि ‘ये किनके द्वारा की जा रही हैं’। उन्हें वीडियो दिखाए गए तथा मांग की गई कि ‘उनके विरुद्ध तुरंत पुलिस कार्रवाई की जाए ।’

६. रात १२.३० बजे के उपरांत पुलिस ने आश्वासन दिया कि ‘हम संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे’; लेकिन उसके उपरांत भी हिन्दुओं ने अपना आंदोलन जारी रखा. उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि ‘जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होगी, हम यहां से नहीं हटेंगे ।’

७. रत्नागिरी जिले के पुलिस उपाधीक्षक मेनकर और पुलिस निरीक्षक तोरास्कर के मार्गदर्शन में १२ अक्टूबर को विजयादशमी की सुबह ४ लोगों को बंदी कर पुलिस स्टेशन लाया गया । इसके पश्चात हिन्दुओं ने आंदोलन रोक दिया ।

संपादकीय भूमिका

  • केवल हिन्दुओं को ‘गंगा जमुनी तहजीब’ का उपदेश देने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब मुसलमानों को इस घटना के बारे में एक शब्द भी नहीं कहते ! इससे तो यही कहना चाहिए कि ये धर्मनिरपेक्षतावादी, मुसलमानों से भी अधिक घातक हिंदुओं के दुश्मन हैं !
  • हिन्दुओं को लगता है कि एक प्रखर राष्ट्र और हिन्दुत्व के प्रति समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस पर निर्णायक भूमिका अपनानी चाहिए !

  • यदि मुसलमानों के जुलूस के दौरान हिन्दुओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए होते, तो यही रत्नागिरी पुलिस हिन्दुओं पर लाठियां बरसाती तथा तुरंत उनके विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट कर देती । इससे पुलिस के लिए हिन्दुओं का क्या मूल्य है, क्या हमें अलग से बताना होगा ?
  • इस घटना से भारत के मुसलमानों का अहंकार दिखाई देता है । हिन्दुओं को अब अंतरराष्ट्रीय प्रसार माध्यम से पूछना चाहिए, जिसने झूठ बोला कि देश में मुसलमान असुरक्षित जीवन जी रहे हैं ।