Kolkata Rape Murder Case : ३० वर्ष की सेवा में जांच में पुलिस द्वारा ऐसी असावधानी नहीं देखी ! – सर्वोच्च न्यायालय

  • सीबीआई द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में पुलिस द्वारा सबूतों से छेडछाड की बात।

  • कोलकाता में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या का प्रकरण !

नई दिल्ली – कोलकाता के राधा गोबिंद कर (आर.जी .कर)  चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के बलात्कार एवं हत्या के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के समय अदालत ने कोलकाता पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि कोलकाता पुलिस की भूमिका संदिग्ध है ! अपने ३० वर्ष के कार्यकाल में मैंने जांच में ऐसी असावधानी कभी नहीं देखी। इससे पहले, सीबीआई की ओर से न्यायालय में सौंपी गई अब तक की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने घटना स्थल पर साक्ष्यों के साथ छेडछाड की ।

चिकित्सक काम पर लौटें ! – मुख्य न्यायाधीश का आवाहन 

मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड

इस प्रकरण को लेकर देशभर में चिकित्सक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड ने कहा कि मैं चिकित्सालयों की स्थिति जानता हूं। मैं स्वयं अपने परिवार के किसी सदस्य के अस्वस्थ होने पर सरकारी अस्पताल में भूमि पर सो गया था। हमें डॉक्टरों से कई ईमेल मिले हैं जिनमें कहा गया है कि वे बहुत दबाव में हैं। डॉक्टरों के लिए ४८ या ३६ घंटे काम करना ठीक नहीं है। हम इसे आज अपने आदेश में जोड देंगे। रोगी आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं अतः काम पर वापस आइये । मुख्य न्यायाधीश ने यह भी आश्वासन दिया कि ‘काम पर लौटने के पश्चात आपके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी । ‘

संपादकीय भूमिका 

जनता का मानना है कि न्यायालय को सीबीआई को आदेश देना चाहिए कि वह जांच करे कि यह असावधानी है या सोच समझकर किया गया कृत्य !