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नई दिल्ली – कोलकाता के राधा गोबिंद कर (आर.जी .कर) चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के बलात्कार एवं हत्या के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के समय अदालत ने कोलकाता पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि कोलकाता पुलिस की भूमिका संदिग्ध है ! अपने ३० वर्ष के कार्यकाल में मैंने जांच में ऐसी असावधानी कभी नहीं देखी। इससे पहले, सीबीआई की ओर से न्यायालय में सौंपी गई अब तक की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने घटना स्थल पर साक्ष्यों के साथ छेडछाड की ।
‘Have never seen such negligence in Police investigation in the past 30 years.’
– Supreme Court’s candid remark on Kolkata rape and murder case.▫️Doctors should return to work. No adverse action against protesting Doctors – #CJIDYChandrachud
▫️The report submitted by the CBI… pic.twitter.com/mn2NwBDP9Y
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 22, 2024
चिकित्सक काम पर लौटें ! – मुख्य न्यायाधीश का आवाहन
इस प्रकरण को लेकर देशभर में चिकित्सक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड ने कहा कि मैं चिकित्सालयों की स्थिति जानता हूं। मैं स्वयं अपने परिवार के किसी सदस्य के अस्वस्थ होने पर सरकारी अस्पताल में भूमि पर सो गया था। हमें डॉक्टरों से कई ईमेल मिले हैं जिनमें कहा गया है कि वे बहुत दबाव में हैं। डॉक्टरों के लिए ४८ या ३६ घंटे काम करना ठीक नहीं है। हम इसे आज अपने आदेश में जोड देंगे। रोगी आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं अतः काम पर वापस आइये । मुख्य न्यायाधीश ने यह भी आश्वासन दिया कि ‘काम पर लौटने के पश्चात आपके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी । ‘
संपादकीय भूमिकाजनता का मानना है कि न्यायालय को सीबीआई को आदेश देना चाहिए कि वह जांच करे कि यह असावधानी है या सोच समझकर किया गया कृत्य ! |