Guna Convent : गुना (मध्यप्रदेश) के कॉन्वेंट विद्यालय ने के सम्मेलन में प्रधानाध्यापिका ने छात्रों को संस्कृत श्लोक बोलने का किया विरोध !

  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से विद्यालय के विरोध में आंदोलन !

  • जिला शिक्षाधिकारी की ओर से विद्यालय के प्रधानाध्यापिका को नोटिस !

गुना (मध्यप्रदेश) – गुना जिले में स्थित ‘वंदना कॉन्वेंट स्कूल’में छात्र सम्मेलन के कार्यक्रम में छात्रों द्वारा संस्कृत श्लोक का पाठ किए जाने से विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर कैथरीन क्रोधित हुईं तथा उन्होंने छात्रों से माइक छीन लिया । इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के (अ.भा.वि.प. के) कार्यकर्ताओं ने इस विद्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया । अभाविप के कार्यकर्ता सक्षम दुबे तथा ध्रुवसिंग किरार ने इसके विरोध में पुलिस थाने में शिकायत पंजीकृत की है । इस प्रकरण में जिला शिक्षाधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को नोटिस दिया है ।

१. विद्यालय के छात्र धुर्ब पालिया एवं गौरव किरार ने हिन्दू संस्कृति के अनुसार संस्कृत श्लोक बोलकर भाषण का आरंभ किया । इस पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर कैथरीन क्षुब्ध हुईं तथा उन्होंने छात्रों के सामने का माईक छीनकर उन्हें भाषण देने से रोका । सिस्टर कैथरीन ने छात्रों से कहा कि यहां यह नहीं चलेगा, आप सभी अंग्रेजी में बोलें ।

२. विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि चुने हुए छात्र सुबह के सम्मेलन में हिन्दी एवं अंग्रेजी इन भाषाओं का प्रयोग करते हैं । उस दिन का भाषण अंग्रेजी में होनेवाला था; परंतु छात्रों ने अपने भाषण का आरंभ संस्कृत श्लोक से किया ।

३. आंदोलनकारियों ने विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध अपराध पंजीकृत करने की मांग की । छात्रों को जिस संस्कृत श्लोक का पाठ करने के लिए प्रतिबंधित किया था, उस श्लोक का समावेश नित्य विद्यालयीन प्रार्थना में किया जाए तथा प्रधानाध्यापिका सिस्टर कैथरीन को पद से हटाया जाए, यह मांगे भी उन्होंने की । यह आंदोलन लगभग २ घंटे तक चला । जिला शिक्षाधिकारी घटनास्थल पहुंचे तथा उनके द्वारा संबंधित लोगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने पर यह आंदोलन रोका गया ।

संपादकीय भूमिका

  • कॉन्वेंट विद्यालयों में हिन्दू छात्रों को उनकी धार्मिक परंपराओं का पालन करने से रोका जाता है, यह कोई नई बात नहीं है । इस संदर्भ में केंद्र एवं राज्य सरकारों को अब कानून ही बनाना आवश्यक है !
  • दुकानों पर उनके मालिकों के नाम लिखवाने का विरोध करनेवाले कांग्रेस, समाजवादी दल आदि राजनीतिक दल ऐसे घटनाओं पर मौन रहते हैं, इसे ध्यान में लें !