Public Examination Act 2024 : प्रश्‍नपत्रिका ‘लीक’ करनेवालों को होगा १० वर्षों तक का कारावास एवं १ करोड रुपए दंड !

देश में ‘सार्वजनिक परीक्षा कानून २०२४’ के प्रावधान लागू !

नई देहली – केंद्र सरकार ने प्रश्‍नपत्रिका ‘लीक’ होने की घटनाओं के उपरांत अब ‘सार्वजनिक परीक्षा कानून २०२४’ के प्रावधान लागू किए हैं । इसके अंतर्गत परीक्षा में होनेवाली धोखाधडी को रोकने के लिए न्यूनतम ३ से ५ वर्षों के कारावास के दंड का प्रावधान किया गया है । इसी के साथ प्रश्‍नपत्रिका ‘लीक’ करनेवालों को ५ से १० वर्ष कारावास एवं न्यूनतम १ करोड रुपए का दंड, इस प्रकार प्रावधान किया गया है । संसद ने ‘सार्वजनिक परीक्षा कानून २०२४’ फरवरी माह में पारित किया था ।

१. परीक्षा आयोजित करनेवाली संस्था अथवा अन्य कोई भी संस्था यदि किसी भी संगठित अपराध में दोषी पाई जाती है, तो उन्हें न्यूनतम ५ वर्षों के कारावास का दंड होगा तथा वह १० वर्षों तक बढ सकता है । इसके साथ ही १ करोड रुपए का दंड भी हो सकता है ।

२. कोई भी संस्था, संगठित पेपर लिकेज के अपराध में सहभागी पाई जाती है, तो उसकी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान भी कानून में है एवं परीक्षा का खर्च भी उस संस्था से वसूल किया जा सकता है । यह कानून परीक्षार्थियों की दंडात्मक प्रावधान से सुरक्षा करता है ।

३. परीक्षा के समय यदि कोई भी परीक्षार्थी अनुचित प्रयोग करते हुए पकडा जाता है, तो उस पर परीक्षा संचालन संस्था के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाएगी ।

४. परीक्षा की प्रश्‍नपत्रिका अथवा उत्तर ‘लीक’ करना, परीक्षार्थियों को अनुचित माध्यमों द्वारा परीक्षा में सहायता करना, संगणक अथवा अन्य उपकरणों से छेडखानी करना, फर्जी परीक्षार्थी को बिठाना इसके साथ ही ‘अनुचित मार्ग’ कानून द्वारा प्रतिबंधित है ।