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उज्जैन (मध्य प्रदेश) – यहां ‘विक्रम विद्यापीठ’ में फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर अनीश शेख द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप में हिन्दू छात्रों को जोडने, उन्हें नमाज पढ़ने तथा इस्लाम में परिवर्तित होने के लाभ बताने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (‘ए.बी.वी.पी.’) के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रो. शेख को यूनिवर्सिटी से निष्कासित करने की मांग की गई है । छात्रों की आपत्ति पर प्रो. शेख को १५ दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर अनीश शेख छात्रों के साथ भेदभाव करते हैं। वह रसायन विज्ञान में मुस्लिम छात्रों को अच्छे अंक देते हैं; लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि हिन्दू छात्रों को कम अंक देते हैं जिससे वो अनुत्तीर्ण हो जाते हैं। कार्यकर्ताओं ने फार्मेसी विभाग का द्वार बंद कर दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महासचिव आदर्श चौधरी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस प्रकार से धर्म की शिक्षा देना अनुचित है।
जांच के बाद होगी कार्यवाही ! – चांसलरविश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार ने कहा कि इस प्रकरण में एक जांच टीम गठित की जायेगी। यह टीम पूरे प्रकरण की जांच करेगी। अगर छात्रों के आरोप सही पाए गए तो आरोपी प्रोफेसर के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। |
संपादकीय भूमिकायद्यपि कोई कट्टर मुसलमान कितना भी विद्वान तथा उच्च पद पर क्यों न हो, वह तब भी अपने धर्म का पालन करता है तथा ‘काफिर हिन्दुओं’ को पीड़ा अवश्य देता है या उनका धर्म परिवर्तन करने का प्रयास करता है ! इसके विपरीत, हिन्दू आत्मघाती धर्मनिरपेक्षता का अनुसरण कर रहे हैं! |