चलचित्र के निर्माता ने दिया फिल्म में स्थित आपत्तिजनक संवाद हटाने का आश्वासन
मुंबई – मुंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने ‘हमारे बारह’ चलचित्र (फिल्म) के प्रसारण की अनुमति दी है । चलचित्र के निर्माता की ओर से न्यायालय को इस चलचित्र में प्रस्तुत आपत्तिजनक संवाद हटाने का आश्वासन देने के उपरांत न्यायालय ने उक्त आदेश दिया । न्यायाधीश कमल खता तथा न्यायाधीश राजेश पाटील की अवकाशकालीन खंडपीठ ने यह आदेश दिया ।
१. ‘हमारे बारह’ चलचित्र में मुसलमान समुदाय के विषय में अनुचित चित्रीकरण किया गया है तथा चलचित्र के विज्ञापन में प्रसारित संवादों के कारण मुसलमान समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं; इसलिए इस चलचित्र के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया जाए’, यह मांग करनेवाली याचिका पुणे के अजहर तांबोळी ने प्रविष्ट की थी । (समाज के समाने वास्तविकता रखनेवाले चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रयास करनेवाले मुसलमान ! – संपादक)
२. ६ जून को खंडपीठ के सामने हुई सुनवाई में खंडपीठ ने ‘केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण विभाग की ३ सदस्यीय समिति यह चलचित्र देखकर ब्योरा दे’, यह निर्देश दिया था । उस समिति में नागराज रेवणकर, इशरत सय्यद एवं नीलांबरी साळवी का समावेश था । उसके अनुसार समिति के सदस्यों ने यह चलचित्र देखकर अपना अंतरिम निरीक्षण सुनिश्चित किया तथा अंतिम ब्योरा देने हेतु १२ जून तक का समय देने की उच्च न्यायालय से मांग की; परंतु इस पर खंडपीठ ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा, ‘उस ब्योरे के लिए हम इस चलचित्र का प्रदर्शन रोक नहीं सकते ।’