इस्लामिक स्टेट पत्रिका ने, भारत के मुसलमानों को, ‘बाबरी’ के पुनर्निर्माण के लिए उत्तेजित किया !

इस्लामिक स्टेट के उकसावे !
भारत सरकार के विरोध में हिंसक जिहाद करें !

पाक की ओर से भारत में आतंकवादी कार्यवाहियां करने के लिए कश्मीरी युवकों का ब्रेन वॉश कर उनका जीवन नष्ट किया जा रहा है !

पाक की ओर से इस्लाम के नाम पर ब्रेन वॉश किए जाने से मुसलमान युवक बलि चढते हैं, यह १०० प्रतिशत सत्य न होकर उनमें जिहादी मानसिकता होने से वे पाक के बहकावे में आ जाते है, यह भी उतना ही स्पष्ट है !

लुधियाना में हुए बम विस्फोट के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के हाथ होने की संभावना

प्रतिबंध लगे होने पर भी खालिस्तानी संगठन उसकी कार्यवाही कैसे क्या कर सकते हैं ? काँग्रेस के राज्य में कानून और सुव्यवस्था नहीं है क्या ?

भारतीय उपमहाद्वीप में जिहादी आतंकवादी संगठन सक्रिय ! – अमेरिका

जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और मध्य भारत नक्सलवादी और आतंकवादी कार्यवाहियों के कारण प्रभावित हुए क्षेत्र

जम्मू कश्मीर में पिछले ३१ वर्षों में केवल १ सहस्र ७२४ लोगों की हत्या ! – जानकारी के अधिकार में श्रीनगर पुलिस द्वारा दी जानकारी

इस जानकारी पर भारत का एक भी हिन्दू विश्वास कर सकता है क्या ? इस प्रकार की जानकारी देकर श्रीनगर पुलिस आतंकवादियों के अत्याचारों को छुपाने का प्रयास कर रही है क्या ? ऐसा प्रश्न सामने आता है !

जिहादी आतंकवादी मदरसों से निर्माण होते हैं, इसलिए, मुझे अवसर मिलने पर सभी मदरसे बंद कर दूंगा ! – उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह

सबसे प्रथम, उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसों को दिया जाने वाला अनुदान बंद कर देना चाहिए । इसके लिए, रघुराज सिंह को प्रयास करने चाहिए ; ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !

युवाओं को आत्मघाती आतंकवादी बनाने के लिए, इस्लामिक स्टेट द्वारा ‘टिक टॉक’ का प्रयोग !

इस्लामिक स्टेट ने क्रिसमस के समय, पश्चिमी देशों पर आक्रमण करने के उद्देश्य से, अपने संगठन में आत्मघाती मुसलमान युवाओं की भर्ती के लिए ‘टिक टॉक’, इस ‘ऐप’ का प्रयोग करना आरंभ किया है ।

पठानकोट के सैन्यशिविर के प्रवेशद्वार पर ग्रेनेड से आक्रमण

‘आतंकवाद का कारखाना पाकिस्तान को नष्ट करने से ही ऐसे आक्रमण स्थाईरूप से रुकेंगे, इसे ध्यान में लेकर केंद्र सरकार को अब तो आतंकियों को नष्ट करना चाहिए, यह जनता की अपेक्षा है !

कश्मीर में ५ आतंकी बंदी बनाए गए !

उनका आजीवन पालन पोषण करने की अपेक्षा, उन पर द्रुतगति न्यायालय में प्रकरण चला कर उन्हें मृत्युदंड हो ; इसके लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए !