बंदीकृत पाकिस्तानी आतंकी की अपराध स्वीकारोक्ति !

गरीबी से बाहर निकलने के लिए, मुझे लश्कर-ए-तैयबा में सम्मिलित होने का लालच दिया गया । मुझे पाकिस्तानी सेना ने प्रशिक्षित किया और पाकिस्तानी गुप्तचर सेवा आई.एस.आई. को सौंप दिया ।

बेंगलुरु में मुसलमान महिला बैंक अधिकारी की पिटाई करने वाले दो धर्मांध बंदी !

दोपहिया वाहन पर सहकर्मी पुरुष अधिकारी के साथ घर जाने पर आपत्ति जता कर की पिटाई !

तालिबान को भारत के मुसलमानों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है !

भारत में, मस्जिदों में नमाज पढने वाले लोगों पर गोलीबारी नहीं की जाती तथा न ही उन पर बम द्वारा आक्रमण किया जाता है । यहां लडकियों को न पाठशाला जाने से रोका जाता है एवं न ही उनके सिर तथा पैर काटे जाते हैं ।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हिन्दू सहेली को मांस खिलाने से मुझे शांति मिलती थी ! – लेखिका चुगतई

२०वीं शताब्दी की उर्दू लेखिका इस्मत चुगतई की आत्मकथा में निहित हिन्दूविरोधी सूत्रों का बीबीसी द्वारा प्रसारण !

‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ के विरोध में आवाज उठाने वाले बिशप के विरोध में धर्मांध संगठनों के प्रदर्शन

बिशप द्वारा सीधे धर्मांधों पर टिप्पणी करने से उन्हें मिरची लगी है और उन्होंने विरोध करना चालू किया है ! इसे कहते हैं ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे !’

राजस्थान के मुसलमान बहुल मालपुरा क्षेत्र से सैकडों हिन्दुओं का पलायन !

राजस्थान में, जहां कांग्रेस सत्ता में है, वहां हिन्दुओं की ऐसी स्थिति हो, तो उसमें आश्चर्य की क्या बात है ? इस प्रकरण में, केंद्र की भाजपा सरकार को सीधे हस्तक्षेप कर वहां के हिन्दुओं को आश्वस्त करना चाहिए, यही हिन्दुओं की अपेक्षा है !

पुरातत्व विभाग की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद के होनेवाले सर्वेक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रोक लगाई !

जिला न्यायालय की ओर से इस सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था, जिसे मुसलमान पक्ष की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी ।

(कहते हैं) ‘भारत में मुसलमान कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकते !’ –  कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह 

देश के अनेक जिले और तहसील अब मुसलमान बाहुल्य हो गए हैं । वहां के हिन्दुओं पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जाता है, उनको वहां से पलायन करने के लिए विवश किया जाता है, इस विषय में दिग्विजय सिंह बोलेंगे क्या ?

‘इस्लाम’ विदेशी आक्रांताओं के साथ भारत में आया’, यह इतिहास है वैसा बताना आवयक ! – मोहन भागवत, संघ प्रमुख, रा.स्व. संघ 

मुसलमान समाज के समझदार और अच्छे विचारों के नेताओं को आततायी वक्तव्यों का विरोध करना चाहिए । उन्हें यह काम लंबे समय तक और प्रयास पूर्वक करना होगा ।

मुसलमान ने यदि इस्लाम पर टिप्पणी की, तो उसे ‘धर्मनिरपेक्षतावादी’ के स्थान पर ‘हिन्दुत्वनिष्ठ’ कहा जाएगा ! – बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

आप ‘सुधारक’ या इस्लामी समाज को ‘धर्मनिरपेक्ष’ करने का प्रयास करने वाले ‘धर्मनिरपेक्षावादी’ हैं’, ऐसा वे कभी नहीं कहेंगे, ऐसा ट्वीट कर बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने मुसलमानों की मानसिकता पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है ।