बंदीकृत पाकिस्तानी आतंकी की अपराध स्वीकारोक्ति !

पाकिस्तानी सेना ने मुझे पैसे का लालच देकर आतंकवादी बनाया !

नई दिल्ली : “गरीबी से बाहर निकलने के लिए, मुझे लश्कर-ए-तैयबा में सम्मिलित होने का लालच दिया गया । मुझे पाकिस्तानी सेना ने प्रशिक्षित किया और पाकिस्तानी गुप्तचर सेवा आई.एस.आई. को सौंप दिया । पाकिस्तानी सैनिकों की सहायता के बिना कोई भी भारत में घुसपैठ नहीं कर सकता है । जब मैं लश्कर-ए-तैयबा में सम्मिलित हुआ, तो मुझे २०,००० रुपये दिए गए ।” कश्मीर में बंदी बनाए गए १९ वर्षीय पाकिस्तानी आतंकवादी अली बाबर ने एक पूछताछ में कहा, कि कश्मीर भेजे जाने के उपरांत उसके परिवार को ३०,००० रुपये का भुगतान किया गया होगा । बाबर के पिता की मृत्यु हो गई थी । वह अपनी मां और बहन के साथ रह रहा था । उसे अपनी मां के उपचार के लिए पैसे देने का लालच दिया गया था । पाकिस्तानी सेना, अली बाबर और उसके जैसे अनेक लोगों को पैसे का लालच दिखाकर पथभ्रष्ट कर रही है । य सेना ने कहा, कि वह उन्हें आतंकवाद का प्रशिक्षण भी दे रही है ।

कश्मीरी मुसलमान आनंदित दिखते हैं ! -आतंकवादी अली बाबरी

अली बाबर ने कहा, “हमें बताया गया था, कि कश्मीर में भारतीय सैनिकों द्वारा मुसलमानों को सताया जा रहा है, किन्तु मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा । भारतीय सेना ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया । मुझे पीटा या प्रताडित नहीं किया गया । यहां के लोगों मुझे आनंदित दिखे । मैं पाकिस्तान में अपने जैसे युवाओं को बताना चाहता हूं, कि जिहाद बहुत खराब है ।”