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नई दिल्ली – बहुपत्नीत्व के कारण जनसंख्या में नियमित बढोतरी होकर अगले १० वर्षों में देश के मुसलमान अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक हो जाएंगे और बहुसंख्यक अल्पसंख्यक हो जाएंगे, ऐसा गलत प्रचार किया जा रहा है । मैं संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत सहित संघ के प्रचारकों को चुनौती देता हूं कि, उन्हें इस विषय पर सार्वजनिक चर्चा के लिए आना चाहिए । इस देश में मुसलमान कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकते, यह मैं सिद्ध करके दिखाउंगा, ऐसा आवाहन काँग्रेस के राज्यसभा के सांसद दिग्विजय सिंह ने दिया है । वे दिल्ली में काँग्रेस और साम्यवादी पार्टी, साथ ही मजदूर संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित किए गए ‘सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए बोल रहे थे । (‘हिन्दुओं का तिरस्कार करें और मुसलमानों को प्यार करें’ इसी को धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी ‘सांप्रदायिक सद्भाव’ कहते हैं, यह ध्यान दें ! – संपादक)
Muslims can never become majority in India as their fertility rate decreasing: Digvijaya Singhhttps://t.co/zqE8FirqdE
— India TV (@indiatvnews) September 7, 2021
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि,
१. देश में मुसलमान समाज में जन्मदर कम हो रही है । इस महंगाई के समय में एक सामान्य व्यक्ति को एक पत्नी द्वारा जन्मे बच्चों को पालना कठिन हो रहा है । ऐसे में कौन सा मुसलमान ४ पत्नियां और उनसे होने वाले बच्चों का पालन पोषण कर सकता है ? (यह जानते हुए भी भारत को जनसंख्या के माध्यम से इस्लामी देश करने के लिए ४ पत्नियां की जाती हैं और अनेक बच्चों को जन्म दिया जाता है और आगे ये बच्चे गुनाह के रास्ते पर चलते हैं, ऐसा दृश्य दिखाई देता है ! गुनाह के मामले में अल्पसंख्यक ही बहुसंख्या में दिखते हैं ! इस विषय में दिग्विजय सिंह बालेंगे क्या ? – संपादक)
२. एक ओर संघ के कार्यकर्ता विष फैलाते हैं, तो दूसरी ओर ‘हिन्दू और मुसलमान का ‘डी.एन.ए.’ एक ही है’, ऐसा संघ प्रमुख भागवत कहते हैं । यदि दोनो का ‘डी.एन.ए.’ समान है, तो जातीय द्वेष क्यों फैलाया जाता है ? ‘लव जिहाद’ जैसे सूत्रों की क्या आवश्यकता है ? (हिन्दू और मुलसमानों का ‘डी.एन.ए.’ समान होने पर भी, उन्हें दी जाने वाली शिक्षा अलग अलग है । उनके धर्मग्रंथ और धर्मगुरू अलग अलग हैं । इस कारण ही जातीय द्वेष फैलाया जा रहा है और वह कौन फैला रहा है, यह सभी को ज्ञात है ! – संपादक)
३.अंग्रेजों का ‘लोगों को विभाजित करो और राज्य करो’ इस नीति के अनुसार देश में गलत बातें फैलाकर हिन्दू और मुसलमान ऐसा विभाजन किया है । (भारत का विभाजन हिन्दू और मुसलमान ऐसे स्तर पर हुआ और उसे दिग्विजय सिंह की काँग्रेस ने ही मान्यता दी । काँग्रेस के कारण ही मुसलमान पाकिस्तान में ना जाकर भारत में ही रह रहे हैं, यह दिग्विजय सिंह क्यों भूल रहे हैं ? – संपादक)