तालिबान को भारत के मुसलमानों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है !

तालिबान को भारत का प्रत्युत्तर

  • ‘चीन के उघुर मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें अधिकार है’, ऐसा बोलने का साहस तालिबानी आतंकी क्यों नहीं दिखाते ? इससे उनका छद्म मुसलमान प्रेम और भारतद्वेष दिखाई देता है ! – संपादक
  • ‘कश्मीर की समस्या भारत एवं पाकिस्तान के मध्य की है; इसलिए हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे’, ऐसा बोलनेवाला तालिबान आज उसके विपरीत वक्तव्य देता है । इससे उन पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता, यह स्पष्ट होता है ! – संपादक
केंद्रीय अल्पसंख्यांक मंत्री मुख्तार अब्बास नक्वी

     नई दिल्ली – केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तालिबान से कहा है कि, तालिबान को भारत के मुसलमानों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । वे तालिबान के कश्मीर से संबंधित एक वक्तव्य का कठोर शब्दों में प्रत्युत्तर दे रहे थे । ‘मुसलमानों के रूप में, तालिबान को भारत के कश्मीर के अथवा किसी अन्य देश के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है । हम आवाज उठाएंगे ।’ उसने आगे कहा कि हम आवाज उठाएंगे और संबंधित देशों से कहेंगे कि ‘मुसलमान आपके नागरिक हैं और कानून के अनुसार वे समान हैं ।’ ऐसा वक्तव्य तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ‘बीबीसी’ के साथ की गई भेंटवार्ता में किया था ।

नकवी ने कहा है कि,

१. भारत में, मस्जिदों में नमाज पढने वाले लोगों पर गोलीबारी नहीं की जाती तथा न ही उन पर बम द्वारा आक्रमण किया जाता है । यहां लडकियों को न पाठशाला जाने से रोका जाता है एवं न ही उनके सिर तथा पैर काटे जाते हैं ।

२. भारत एवं अफगानिस्तान की स्थिति में बहुत बडा अंतर है । इसके लिए हम तालिबान से हाथ जोडकर विनती करते हैं कि, वे यहां के मुसलमानों की चिंता करना छोड दें एवं स्वयं पर ध्यान केंद्रित करें ।

३. भारत में सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है । भारत में धर्म के नाम पर अराजकता नहीं फैलाई जाती है । यहां केवल एक ही धर्म है तथा वह है संविधान । देश संविधान पर ही चलता है एवं संविधान ही सभी स्तर के सभी समुदायों के सर्व नागरिकों को विकास के समान अवसर प्रदान करता है ।