‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से ‘आभूषणों का व्यक्ति पर होनेवाला प्रभाव’ विषय पर फ्रांस में ‘ऑनलाइन’ पद्धति से शोधनिबंध का प्रस्तुतीकरण !

आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक आकार के आभूषण सात्त्विक स्पंदनों को आकर्षित कर सकते हैं तथा स्त्री को उसकी आध्यात्मिक प्रगति में लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं, तो दूसरी ओर आध्यात्मिक दृष्टि से नकारात्मक आकार के आभूषण रज-तमात्मक स्पंदनों को आकर्षित कर स्त्री के प्रभामंडल पर नकारात्मक प्रभाव करा सकते हैं ।

भावविभोर होकर नृत्य करनेवालीं तथा नृत्यकला से दैवी आनंद का अनुभव करनेवालीं देहली की कत्थक नृत्यांगना श्रीमती शोभना नारायण !

‘४०-५० वर्षाें से अधिक संगीत के लिए समर्पित इन कलाकारों की ‘संगीत साधना’ अगली पीढी के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो’, इस उद्देश्य से महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से इन कलाकारों के साथ संवाद किया गया ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुडे हिन्दूद्वेष के तार !

हमें जिन बातों की जानकारी होती है, उसे परिपूर्ण मानकर हम उनके आधार पर कुछ निष्कर्ष निकालते रहते हैं अथवा उस विषय में स्वयं का मत बना लेते हैं, तथापि उन्हीं बातों में ऐसे अनेक पक्ष होते हैं, जिनके विषय में हमें कुछ भी ज्ञात नहीं होता । कुछ दिन पूर्व ही गोवा में आयोजित … Read more

समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्यों ?

जावेद नामक एक २६ वर्षीय मुसलमान युवक ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में ‘हेबियस कॉर्पस’ याचिका प्रविष्ट की । (‘हेबियस कॉर्पस’ का अर्थ है किसी व्यक्ति को अवैध रूप से बंद कर रखा गया हो, तो उच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद २२६ के अनुसार हेबियस कॉर्पस याचिका प्रविष्ट कर लेता है ।) इस याचिका में उसने कहा कि १६ वर्षीय लडकी, जो मेरी पत्नी है, उसे सेक्टर १६, पंचकुला के सुधारगृह में रखा गया है ।

आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आर-पार की लडाई !

‘भारत देश स्वतंत्रता मिलने से लेकर विगत ७५ वर्षाें से आतंकवाद का सामना कर रहा है । इस आतंकवाद के कारण प्राणों तथा राष्ट्रीय संपत्ति की अपार हानि हो रही है । आतंकवाद के कारण देश का संपूर्ण वातावरण भी दूषित हो गया है ।

राजस्थान के रेगिस्तान में ‘ऑस्ट्रा हिन्द २२’ युद्धाभ्यास !

‘किसी भी देश की रक्षा एवं उसका वर्चस्व उस देश के सैन्य सामर्थ्य पर निर्भर होता है । इसीलिए विश्व के अधिकांश देश अपनी सैनिकीकरण एवं सशक्तिकरण पर बल दे रहे हैं । भारत भी इसमें पीछे नहीं है । भारत सरकार की ओर से देश को सशक्त बनाने के लिए बार-बार प्रयास किए जा रहे हैं ।

आचार ही धर्म की नींव है !

‘सनातन हिन्दू संस्कृति में आचार को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है । ‘प्रत्येक को श्रुति-स्मृतियों द्वारा प्रतिपादित आचारधर्म का पालन करना चाहिए’, इस पर धर्मशास्त्र बल देता है ।’

स्नान पूर्व करने योग्य प्रार्थना एवं स्नान करते समय उपयुक्त श्लोकपाठ

‘हे जलदेवता, आपके पवित्र जल से मेरे स्थूलदेह के सर्व ओर निर्माण हुआ रज-तम का कष्टदायक शक्ति का आवरण नष्ट होने दें । बाह्यशुद्धि के समान ही मेरा अन्तर्मन भी स्वच्छ एवं निर्मल बनने दें ।’

तिलक धारण करने के संदर्भ में आचार

स्नान के उपरान्त अपने-अपने सम्प्रदाय के अनुसार मस्तक पर तिलक अथवा मुद्रा लगाएं, उदा. वैष्णवपंथी मस्तक पर खडा तिलक, जबकि शैवपंथी आडी रेखाएं अर्थात ‘त्रिपुण्ड्र’ लगाते हैं ।